भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। शहर में सांस्‍कृतिक, सामाजिक, कलात्‍मक, खेल, धार्मिक आदि गतिविधियों का सिलसिला चलता रहता है। गुरुवार 25 मई को भी शहर में कई ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनका आप आनंद उठा सकते हैं। यहां हम कुछ ऐसे चुनींदा कार्यक्रमों की जानकारी पेश कर रहे हैं, जिसे पढ़कर आपको अपनी दिन की कार्ययोजना बनाने में आसानी होगी।

ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण - अक्षदा सोशल वेलफेयर सोसायटी एवं संकल्प पब्लिक स्कूल सहयोग से एक से 30 मई तक स्कूल परिसर में बच्चों के लिए ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला सुबह नौ से 12 बजे तक निरंतर जारी है, जिसमें पांच से 16 साल के बच्चे सहभागिता कर रहे हैं। यहां बाल नाट्य, गायन, कथक नृत्य एवं कन्टेम्परेरी डांस की बारीकियां विशेषज्ञों के माध्यम से बताई जा रही हैं।

प्रदर्शनी - माधवराव सप्रे संग्रहालय में दुर्लभ सामग्रियों जैसे ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी समाचारपत्रों, पोथियों, सिक्कों, डाक टिकटों, लेखनियों तथा प्राचीन ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसका समापन गुरुवार को सुबह 11 बजे होगा। इस मौके पर व्याख्यान होगा और कुछ अन्य सामग्रियों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।

माह का प्रादर्श - इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के अंतरंग भवन वीथि संकुल में माह का प्रादर्श श्रंखला के तहत छत्तीसगढ़ी लोक वाद्य 'चिकारा' का प्रदर्शन किया जा रहा है। आप इसका अवलोकन सुबह 11 बजे से कर सकते हैं। 'चिकारा' छत्तीसगढ़ और मप्र के मंडला जिले में उपयोग किया जाना वाला स्वांत: सुखाय लोक वाद्य है। इसे लकड़ी से स्थानीय कलाकारों द्वारा बनाया जाता है।

नाट्य प्रशिक्षण - चिल्ड्रंस थिएटर अकादमी एवं अर्घ्य कला समिति के संयुक्त तत्वावधान में बाल प्रतिभागी एवं युवा कलाकारों को नाटक से सम्बन्धित सम्पूर्ण विधियों का प्रशिक्षण पांच जून तक प्रतिदिन दिया जा रहा है। अर्घ्य प्रेक्षागृह गांधी भवन परिसर में प्रशिक्षण शिविर चल रहा है, जिसमें बाल प्रशिक्षुओं का समय सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक तथा युवा प्रशिक्षुओं का समय शाम 5.30 बजे से रात 8:30 बजे तक रहेगा।

चित्र प्रदर्शनी - श्‍यामला हिल्‍स पर स्‍थित मध्य प्रदेश जनजातीय संग्रहालय की लिखंदरा दीर्घा में भील चित्रकार गंगुबाई के चित्रों की प्रदर्शनी सजाई गई है। आप इसका अवलोकन दोपहर 12 बजे से कर सकते हैं।

ध्रुपद संगीत - मराठी साहित्य अकादमी द्वारा रवींद्र भवन में ध्रुपद संगीत कार्यक्रम नाम्याची जनी का आयोजन होगा। इसमें मराठी संत परंपरा की महान रचयिता जनाबाई के द्वारा रचित अभंग को ध्रुपद शैली में प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम में दो ध्रुपद गायिकाएं प्रस्तुति देंगी। साथ ही मंच पर कविता को भाव देने के लिए बेंगलुरु की युवा भरतनाट्यम नृत्यांगना नविया नटराजन एवं दो पखावज वादक पुणे के दयानेश्वर देशमुख एवं उत्तराखंड के ह्रदयेश चोपड़ा मंच पर होंगे। कार्यक्रम शाम सात बजे से आरंभ होगा।

Posted By: Ravindra Soni

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