भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी)-2022 के मंगलवार को जारी परिणामों में राजधानी की दो बेटियों ने अंडर 100 में स्थान बनाकर नाम रोशन किया है। शहर की गुंजिता अग्रवाल आल इंडिया में 26वीं रैंक तो पल्ल्वी मिश्रा ने 73वीं रैंक पाई है।

नेहरू नगर निवासी गुंजिता अग्रवाल के पिता जेपी अग्रवाल मप्र कर्मचारी चयन मंडल में असिस्टेंट इंजीनियर एवं जनसंपर्क अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं एवं माता शशि गुप्ता हैं। गुंजिता को पांचवे प्रयास में सफलता मिली। उन्होंने बताया कि इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाकर, सेल्फ स्टडी से सफलता हासिल की।

वहीं 73वां स्थान लाने वाली पल्लवी मिश्रा के पिता अजय मिश्रा वरिष्ठ अधिवक्ता एवं भाई आदित्य मिश्रा आइपीएस हैं। पल्लवी कोचिंग नहीं गईं एवं सेल्फ स्टडी कर सफलता पाई। पल्लवी ने बताया कि मैंने खुद अपने नोट्स तैयार किए और कहीं शंका होती थी तो इंटरनेट मीडिया से मदद ले लेती थी।

इसके अलावा तेजस अग्निहोत्री ने 226 और भूमि श्रीवास्तव ने 304 रैंक के साथ सफलता पाई है। वहीं अमितेश राठी ने 373वीं रैंक हासिल की है। यूपीएससी में चयनित इन का कहना है कि इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाना जरूरी था, क्योंकि ध्यान भ्रमित होता है।उन्होंने घंटों सेल्फ स्टडी की सफलता पाई। उनका कहना है कि असफलता से बिल्कुल नहीं घबराएं, बल्कि अपने लक्ष्य पर ध्यान लगाएं रखें।

गुंजिता अग्रवाल- 26वीं रैंक

माता- शशि गुप्ता

पिता का नाम- जेपी गुप्ता

इंटरनेट मीडिया से बनाई दूरी, सेल्फ स्टडी से पाई सफलता

यूपीएससी आल इंडिया 26 वां रैंक हासिल करने वाली भोपाल नेहरू नगर निवासी गुंजिता अग्रवाल ने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की है। गुंजिता ने कहा कि हर साल पढ़ाई करने का अलग-अलग समय तय किया। तीन साल तक प्रतिदिन आठ से दस घंटे पढ़ाई होती थी।तीन साल घर में ही पढ़ाई की।इस दौरान माता शशि गुप्ता व पिता जीपी गुप्ता ने कभी टेंशन नहीं आने दिया। गुंजिता ने बताया कि उनके पिता मप्र कर्मचारी चयन मंडल में असिस्टेंट इंजीनियर व जनसंपर्क अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। पापा हमेशा घर में अपने आइएएस अधिकारियों के बारे में मुझे बताकर प्रेरित करते थे। भाई यश अग्रवाल का पूरा सपोर्ट मिला। पांचवें साल में दिल्ली में पीजी की एक कोर्स करने चली गई। इस दौरान कालेज की पढ़ाई की साथ तैयारी की। उन्होंने कहा कि बस लक्ष्य बना लिया था कि यूपीएससी निकालना है। परिवार व कुछ दोस्तों के साथ इसमें सफलता मिल गई है। गुंजिता की आठवीं तक पढ़ाई सेंट थेरेसा स्कूल, बारहवीं तक कार्मल भेल व एक्सीलेंस कालेज से में एकाउंट में आनर्स किया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया से दूरी बनाई, लेकिन आनलाइन मटेरियल से पढ़ाई की। जब घंटों पढ़ाई करने से बोरियत होने लगती, तो वे कुछ देर के लिए मेडिटेशन करती थीं। इसके अलावा टेनिस टूर्नामेंट देखती थी। उनका आगे का लक्ष्य महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए कार्य करना है।

पल्लवी मिश्रा-73वीं रैंक

पिता का नाम- अजय मिश्रा

आइपीएस भाई से मिली प्रेरणा

वहीं यूपीएससी की परीक्षा में देश में 73वीं रैंक हासिल करने वाली पल्लवी मिश्रा ने बताया कि मैंने इस परीक्षा की तैयारी पहले लाकडाउन के दौरान करना शुरू की थी। इसकी प्रेरणा मुझे बड़े भाई आइपीएस आदित्य मिश्रा से मिली। वैसे भी शुरुआत से ही अपने समाज की सेवा करना चाहती थी, इसलिए यह क्षेत्र मुझे उचित लगा। मैं दूसरे प्रयास में सफल हो पाई हूं। मैंने इसकी तैयारी के दौरान लगातार पढ़ाई जारी रखी। कोचिंग नहीं गई। खुद ही पढ़ाई करने में विश्वास जताया। अगर कोई शंका होती थी इंटरनेट मीडिया से मदद ले लेती थी। खुद के नोट्स तैयार किए। यूपीएससी की तैयारी के दौरान कारपोरेट ला कंपनी में नौकरी तक लगी गई थी, लेकिन मैंने उसे ज्वाइन नहीं किया। क्योंकि मेरा लक्ष्य यूपीएससी था। यहां तक पहुचंने के लिए तनाव भी झेला। कोरोना वायरस की पहली लहर के चलते परिवार के सभी सदस्य इसकी चपेट में आ गए थे। इस दौरान उनके स्वास्थ्य का ख्याल भी रखा। खुद भी बीमार हो गई।

भूमि श्रीवास्तव, 304वीं रैंक

पिता का नाम- शिवकुमार विवेक

माता का नाम- अंजुला श्रीवास्तव

सेल्फ स्टडी कर पाई सफलता

वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार विवेक की बेटी भूमि श्रीवास्तव का यह दूसरा प्रयास था। उन्होंने यह सफलता सेल्फ स्टडी कर पाई है। उन्होंने हर रोज घंटों पढ़ाई कर सफलता पाई है। उनका कहना है कि बनारस हिंदू विवि से पढ़ाई करने के दौरान ही तय कर लिया था कि सिविल सर्विसेस में जाना है। उन्होंने नेट जेआरएफ परीक्षा में भी सफलता पाई है। जब घंटों पढ़ाई से बोरियत होने लगती तो वे अपनी पसंद की मूवी देखती थी। इसके अलावा मम्मी से बातचीत करना और पापा से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी अक्सर चर्चा करती थी। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय से स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उनका मानना है कि लक्ष्य तय करें और खूब मेहनत करें तो सफलता मिलेगी।

नाम- अमितेष राठी

पिता- नवनीत राठी

माता- डा. माया राठी

मैं रैंक से खुश नहीं, दूसरा प्रयास जारी रखूंगा

देश में 373 वीं रैंक हासिल करने वाले अमितेष राठी ने बताया कि मैं इस रैंक से खुश नहीं हूं। इसलिए दूसरा प्रयास करूंगा। मैंने आइआइटी दिल्ली केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। मेरे पिता नवनीत राठी एक वाटर आयल कंपनी में मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव रह चुके हैं। जबकि मां डा. माया राठी शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई कन्या महाविद्यालय में अर्थशास्त्र की प्राध्यापक हैं। मैंने बचपन से ही सिविल सेवा में जाना जाहता था। परीक्षा के दौरान तनाव हुआ तो संगीत का सहारा लिया। अखबार और इंटरनेट मीडिया की मदद से तैयार की।

नाम- गौरव प्रकाश अहिरवार

रैंक- 828 वीं

पिता - आइएएस डीपी अहिरवार

मैं अमेरिका में रहकर नौकरी कर रहा हूं। मैंने आईआईटी खड़कपुर से बी टेक किया। इसके बाद आईआईएम बैंगलौर से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद अमेरिका चला गया। वहां रहकर ही यूपीएससी की तैयारी की। परीक्षा की तैयारी मैंने खुद ही की। इंटरनेट मीडिया की मदद ली। मैंने प्राथमिक शिक्षा भोपाल के जवाहर स्कूल से की है।

Posted By: Ravindra Soni

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