Kanyadan Vivah Yojana: बुरहानपुर/खरगोन, नईदुनिया प्रतिनिधि। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तेवर बदले नजर आए। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिलाने और ई-केवायसी के नाम पर महिलाओं से रुपये लेने वालों को कड़े लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बहनों के पैसे खाए तो मैं छोड़ूंगा नहीं। बर्बाद करके रख दूंगा। उन्होंने मंच से ही घोषणा की कि कन्यादान योजना में अब सामग्री नहीं, चेक दिया जाएगा। वृद्धावस्था पेंशन एक हजार रुपये मिलेगी।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान शुक्रवार को बुरहानपुर और खरगोन जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बुरहानपुर जिले के शाहपुर में दिवंगत सांसद नंदकुमारसिंह चौहान की पंच धातु से बनी नौ फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल व सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और नंदू भैया के पुत्र मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अब कन्यादान विवाह योजना के तहत बेटियों को सामग्री की जगह उतनी राशि का चेक दिया जाएगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि कई जगह घटिया सामग्री देने की शिकायतें सामने आती थी।
उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री बालिका ई-स्कूटी योजना के मध्यम से अच्छे नंबर लाने वाली बेटियों को ई-स्कूटी देंगे। मैंने बचपन से ही बेटियों के साथ अन्याय होते हुए देखा है। बेटा आए तो स्वागत और बेटी आ जाए तो मुंह बन जाता था। कई जगह तो कोख में ही बेटी मार दी जाती थी। इसके फलस्वरूप बेटियां कम पैदा हो रही थीं और बेटे ज्यादा पैदा हो रहे थे। मेरे मन में एक बात बैठ गई थी कि बेटी बोझ से वरदान नहीं बनेगी तो स्थिति ठीक नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि मैं जब सांसद बना, तब अपने मित्रों के सहयोग से बेटियों की शादी करवाने लगा। जब मुख्यमंत्री बना तो हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई जिसमें तय किया कि गरीब बेटियों की शादी सरकार करवाएगी।बीच में कमलनाथ जी ने कहा कि हम 51,000 रुपये देंगे, लेकिन शादी हो गई, भांजे-भांजी आ गए, इनके पैसे नहीं आए। सीएम ने कहा कि हमने 56,000 रुपये देने की व्यवस्था की।
प्रतिमा का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा, नंदू भैया ऐसे नेता थे, जो जिए तो जनता के लिए और जब गए, तो भी उन्होंने जाने से पहले एक कार्यक्रम में भाग लिया। उनके खून का एक-एक कतरा जनता के लिए था। जब वो कोरोना से संक्रमित हुए, मैंने उन्हें भोपाल बुलाया और अस्पताल के बिस्तर पर लेटे हुए वो कई दिनों तक कहते थे कि बस मैं अभी आया! उन्होंने बिस्तर पर लेटे हुए भी मुझे लिफ्ट इरीगेशन की योजनाओं के संबंध में बात की, साथ ही अन्य कार्यों के बारे में ही बात की। जब तक होश में रहे, वो मुझे केवल खंडवा-बुरहानपुर की मांगों के लिए ही बात करते रहे। जनता उनके दिलों में बसती थी। कार्यकर्ताओं को वो नाम से जानते थे।
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उन्होंने कहा, जब शाहपुर नगर परिषद बनी, तो नंदू भैया निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वो सांसद बनने के बाद कहते थे कि ठाकरे जी ने ये विरासत मुझे सौंपी है, मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे उनकी साख पर बट्टा लगे। कई बार मुझे लगता है कि मुसकुराते हुए नंदू भैया आएंगे और जनता का कुछ काम बताएंगे। वो मेरी आंखों में बसे हैं, रोम-रोम में रमे हैं। इतने उत्तम नेता को हमने जल्दी खो दिया। आज मैं प्रदेश की ओर से उनके चरणों में नमन करता हूं। वो लंबे समय तक भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे और प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। उनकी प्रतिमा सदैव हमने प्रेरणा देती रहेगी और उनकी प्रेरणा से प्रदेश का विकास करेंगे और शाहपुर, बुरहानपुर, खंडवा और बागली का विकास करते रहेंगे। हो सके तो नंदू भैया लौट के फिर से आना!
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इसके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में भी शामिल हुए। यहां उन्होंने सिंगल क्लिक से छात्रवृत्ति के 300 करोड़ रुपये की राशि 2 लाख 90 हजार विद्यार्थियों के खातों में डाले। इस दौरान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने मंच से बुरहानपुर में एक कृषि महाविद्यालय बनाए जाने की मांग की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस दौरान 76 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया।
छात्रवृत्ति कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, आज यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में देखा जा रहा है। मैंने पिछड़ा वर्ग के 2.90 लाख बच्चों के खाते में 330 करोड़ रुपये डाले हैं, जिससे उनकी पढ़ाई निरंतर जारी रहे। मैं अपने बच्चों को बधाई देता हूं, तुम पढ़ते रहो, मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है! ये भाजपा है, हम पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी के बच्चों के खातों में तो पैसे डाल ही रहे हैं और यह पहली सरकार है जिसने सामान्य वर्ग के बच्चों को भी स्कॉलरशिप दी है। बच्चों में क्या भेद करना!
उन्होंने कहा, मेधावी विद्यार्थी योजना के तहत 12वीं में 75% अंक लाने वाले विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा की फीस हमारी सरकार भरवाती है! हम 2.37 लाख बच्चों की फीस भर रहे हैं।, यह दुनिया में कहीं भी नहीं हुआ! मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई केवल अंग्रेजी में होती थी। अंग्रेज चले गए लेकिन कांग्रेस ने अंग्रेजी लाद दी! अंग्रेजी न जानना कोई अज्ञानता नहीं है और अंग्रेजी जानना कोई विद्वान होने का प्रमाण नहीं है! ये षड्यंत्र था कि गरीब का बच्चा आगे न निकल जाए! हमने इसे समाप्त करते हुए मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी माध्यम में करवाने की व्यवस्था की।
लाडली बहना योजना के बारे में उन्होंने कहा, मेरी लाड़ली बहनों ने आज मुझे केले के रेशे और हल्दी की राखी बांधी है, मैं अपनी बहनों को प्रणाम करता हूं। आपका यही आशीर्वाद मुझे ताकत देता है। मैं संकल्प लेता हूं कि इस राखी का मान और बहनों का सम्मान कभी कम नहीं होने दूंगा। हम मुख्यमंत्री बालिका ई-स्कूटी योजना के मध्यम से अच्छे नंबर लाने वाली बेटियों को ई-स्कूटी देंगे।
मैंने बचपन से ही बेटियों के साथ अन्याय होते हुए देखा है। बेटा आए, तो स्वागत और बेटी आ जाए तो मुंह बन जाता था। कई जगह तो कोख में ही बेटी मार दी जाती थी! इसके फलस्वरूप बेटियां कम पैदा हो रही थीं और बेटे ज्यादा पैदा हो रहे थे। मेरे मन में एक बात बैठ गई थी कि बेटी बोझ से वरदान नहीं बनेगी तो स्थिति ठीक नहीं होगी। मैं जब सांसद बना, तब अपने मित्रों के सहयोग से बेटियों की शादी करवाने लगा! जब मुख्यमंत्री बना, तो हमने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई जिसमें तय किया कि गरीब बेटियों की शादी सरकार करवाएगी!
बीच में कमलनाथ जी ने कहा कि हम 51,000 रुपये देंगे, लेकिन शादी हो गई, भांजे-भांजी आ गए, इनके पैसे नहीं आए। हमने 56,000 रुपये देने की व्यवस्था की। शादी के समय घटिया सामग्री देने की बात सामने आई थी, इसलिए आज मैं तय कर रहा हूँ कि अब से शादी के समय कुछ सामान नहीं देंगे, शादी के समय बेटी के हाथ में चेक दे देंगे, उसे जो खरीदना होगा, वो खरीद लेगी! मैंने बहनों के साथ भी अन्याय होते हुए देखा। औरतें तो ये समझने लगी थीं कि औरत तो अत्याचार सहने के लिए ही होती हैं!
मैंने देखा है कि गरीब मजदूर बहन जब बच्चे को जन्म देती थी तो एक दिन भी आराम नहीं कर पाती थी और काम पर चली जाती थी। हमने प्रसूति सहायता योजना बनाई जिससे उन बहनों को 16,000 रुपये की मदद दी जाने लगी। ये राजनीतिक योजनाएँ नहीं, दिल से निकली योजनाएँ हैं। पैसों में बहुत ताकत होती है। पैसे हैं तो आपका नाम लक्ष्मीपति है और पैसे नहीं हैं, तो आपको बुलाया जाता है लक्खू! अगर आप सेठ हुए, तो आपको बुलाया जाएगा 'आइए लक्ष्मीचंद जी!'
मैंने सोचा कि बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना पड़ेगा। बहन भी स्वावलंबी होना चाहिए। मैंने तय किया कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनाई जाएगी जिसके अंतर्गत बहनों को 1,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
बहनें वो जो गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से हों, जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रुपये से कम हो, जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन हो और जिनके पास चार पहिया वाहन न हो, वही इस योजना की पात्र होंगी। ये इज्जत और सम्मान बढ़ाने वाली योजना है। इससे बहनों की जिंदगी बदलेगी!
मैंने सुना है कि बहनें प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दौड़ रही हैं। मेरी बहनों कहीं दौड़ने की जरूरत नहीं है, लिख के दे देना मैं मान लूंगा। कई ऐसे दलाल पैदा होंगे और बोलेंगे कि मुझे पैसे दे दो मैं करवा दूंगा, ऐसे दलालों से सावधान रहना, किसी को पैसे देने की जरूरत नहीं है। मैं कलेक्टर को बधाई देता हूं, कम्युनिटी सर्विस सेंटर ने गड़बड़ की थी, कलेक्टर ने कार्रवाई की है। ऐसे पापी पैदा होते हैं, जो मौका पाकर पैसे खाते हैं। ऐसे सभी लोगों को बोल रहा हूँ, मैं छोड़ूँगा नहीं, बर्बाद करके रख दूंगा!
ई-केवायसी के मैं प्रति व्यक्ति 15 रुपये दे रहा हूं। किसी को पैसे देने की जरूरत नहीं है। अगर कहीं इसमें दिक्कत हुई तो किसी दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए गाड़ी का पैसा भी मैं दूंगा। ये योजना बहनों की जिंदगी में एक नया प्रकाश लेकर आएगी! शायद भगवान ने मुझे इसलिए बनाया था कि मैं बहनों की जिंदगी बदल दूं। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हम जनता की जिंदगी बदल रहे हैं। एक गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है।
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सिंचाई की छोटी-बड़ी सभी योजनाएं हमने बनाई हैं। हमने सिंचाई की क्षमता को साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है। हम गाँव-गाँव में हर घर में नल से जल पहुंचा रहे हैं। हमने 1,400 करोड़ रुपये से एक योजना स्वीकृत की है जो हमारे जलस्रोतों को खत्म नहीं होने देगी और किसानों को लगातार पानी मिलेगा। अपना ट्रांसफार्मर खुद लगाने की एक योजना थी, कमलनाथ जी ने बंद कर दी थी, अब हम उसे फिर से चालू कर रहे हैं। ये सरकार इसलिए नहीं है कि स्वर्ण सिंहासन पर बैठना है, यह इसलिए है कि जनता की जिंदगी बदले! मैं प्रशासन को निर्देश दे रहा हूं, करप्शन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं है, जो करप्शन करे, उसे छोड़ना नहीं है।
मैंने एक फैसला और लिया है कि 1 अप्रैल से सभी शराब दुकानों के अहाते बंद कर दिए जाएंगे। किसी को पीना है तो घर लेकर जाए बोतल। बहन से कह दूंगा कि लट्ठ लेकर तैयार रहे। दारू पीकर कोई गाड़ी न चलाए, अगर पकड़े गए, तो लाइसेंस केंसिल हो जाएगा! मैं आप सभी जनप्रतिनिधियों से कह रहा हूं, कोई कार्यकर्ता भी पकड़ा जाए, तो छुड़वाना मत!
हमने तय किया है कि शाहपुर नगर परिषद के कार्यालय का नाम स्वर्गीय नंदू भैया के नाम पर रखा जाएगा।शाहपुर में स्टेडियम बनवाना है, आप जमीन देख लीजिए, मैं पैसों की व्यवस्था करूंगा। एक बात मैं साफ कर दूँ कि जंगल की कटाई पाप है, यह बंद होना चाहिए। हमारी यही कोशिश रहे कि हिंसा न हो लेकिन हर हाल में जंगल की कटाई रुके!
उनके साथ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, पंचायत और ग्रामीण विकास राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी थे। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खरगोन जिले के अनकवाड़ी में लाड़ली बहना और पेसा एक्ट जागरूकता कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस दौरान वे खरगोन जिले को करोड़ों रुपये की सौगात देंगे।
Posted By: Sameer Deshpande