बुरहानपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। वन परिक्षेत्र असीरगढ़ की दहीनाला बीट क्रमांक 134 में गुरुवार को वन विभाग और आदिवासियों के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो गई। जंगल की अवैध कटाई के आरोप में वन अमले ने लिंगीफाटा निवासी प्यारसिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसकी जानकारी लगने पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और वहां से गुजर रहे दहीनाला रेंज के डिप्टी रेंजर संजय त्रिपाठी को बंधक बना लिया। आदिवासियों का कहना था कि जब तक वे गिरफ्तार किए गए साथी को नहीं छोड़ते डिप्टी रेंजर को नहीं जाने देंगे। खबर लगते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और किसी तरह डिप्टी रेंजर को करीब एक घंटे बाद मुक्त कराया।
आदिवासियों का आरोप है कि वन अमला आदिवासियों पर झूठे आरोप लगाकर मामला दर्ज कर रहा है और गिरफ्तार कर जेल भेज रहा है। असीरगढ़ रेंजर गोपाल उइके ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कुछ लोग पेड़ काटने जंगल में घुसे हैं। टीम के साथ वे मौके पर पहुंचे तो चार लोग कुल्हाड़ी लिए नजर आए। वन अमले को देखकर तीन लोग फरार हो गए थे, जबकि प्यारसिंह को मौके से गिरफ्तार किया गया। डिप्टी रेंजर को छोड़ने के बाद सैकड़ों आदिवासी धूलकोट पुलिस चौकी पहुंचे और वहां बैठ गए। देर शाम करीब छह बजे पुलिस और वन विभाग के अफसरों की समझाइश के बाद लौटे।
वन अमले पर लगाया माफिया से साठगांठ का आरोप
जागृत आदिवासी दलित संगठन के सुरसिंह अजनारे सहित अन्य आदिवासियों ने वन अमले पर माफिया से साठगांठ कर जंगलों की अवैध कटाई कराने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि जिस व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, वह बैलगाड़ी से मक्का की कड़बी लेकर घर जा रहा था। उसे रोककर वन अमले ने जबरन वाहन में बैठाया और असीर रेंज कार्यालय ले गए। उनके मुताबिक जंगल कुल्हाड़ी से नहीं बल्कि आरा मशीनों से काटा जा रहा है।
डिप्टी रेंजर को छुड़ा लिया
डिप्टी रेंजर को रोककर रखने की सूचना मिली थी। अतिरिक्त बल भेजकर डिप्टी रेंजर को छुड़ा लिया गया है। समझाइश के बाद देर शाम आदिवासी माने और घर लौटे।
-राहुल लोढ़ा, पुलिस अधीक्षक
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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