Ladli Bahna Yojana: बुरहानपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना के तहत हर माह मिलने वाले एक हजार रुपये पाने के लिए न सिर्फ महिलाओं को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है, बल्कि पंचायतों के कर्मचारी और प्रशासनिक अफसर भी जमकर पसीना बहा रहे हैं। दरअसल जिले के खकनार और बुरहानपुर विकासखंड के 27 ऐसे गांव हैं, जहां न तो इंटरनेट सुविधा है और न ही वहां मोबाइल नेटवर्क मिलता है। इनमें से 18 गांवों में ज्यादा समस्या है। धूलकोट क्षेत्र का धोंड और खकनार क्षेत्र का दातपहाड़ी सहित कई ऐसे गांव हैं जहां गांव से दो किमी दूर ऊंची पहाड़ी पर ही मोबाइल नेटवर्क मिलता है।
जिसके चलते पंचायत सचिव और महिलाओं को वहां जाकर लाड़ली बहना योजना के आवेदन भरने पड़ रहे हैं। इस काम में महिलाओं का पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। इन गांवों के लोग अब सरकार और जिला प्रशासन से गांव में मोबाइल टावर स्थापित कराने की मांग कर रहे हैं। दातपहाड़ी गांव के सचिव रावेंद्र गौतम ने बताया कि पहाड़ी पर जहां भी नेटवर्क मिलता है वे कुर्सी लगाकर आवेदन भरने शुरू कर देते हैं। गांव की अनीता बाई ने प्रशासन से गांव में टावर लगाने की मांग की।
पचास प्रतिशत के करीब पहुंचा आंकड़ा
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुमन कुमार पिल्लई के मुताबिक विभाग की ओर से 1.06 लाख महिलाओं के आवेदन भरवाने का लक्ष्य दिया गया है। शनिवार दोपहर तक 45369 पात्र महिलाओं के आवेदन भरवाए जा चुके हैं। हालांकि जिले में 23 से 60 वर्ष आयु वाली महिलाओं की संख्या करीब 2.42 लाख है। उन्होंने बताया कि बुरहानपुर में अन्य जिलों की तरह दूसरी समस्याएं नहीं हैं। पोर्टल ठप हो जाने की समस्या जरूर है, जिसके चलते आवेदन भरने की गति धीमी हो रही है। इस समस्या का निवारण भोपाल स्तर से किया जा रहा है।
महिलाओं को पास के गांव ले जाकर भरवाएंगे आवेदन
बुरहानपुर विकासखंड के परतकुंडिया, अंबा, गढ़ताल, धोंड, जम्बूपानी सहित अन्य गांवों में नेटवर्क की समस्या है। इसी तरह खकनार विकासखंड के आमुल्ला कला, आमुल्ला खुर्द, आमगांव, बाकड़ी, दातपहाड़ी, बसाली, भागा, मोहनगढ़, जामुनिया आदि गांव शेडो एरिया में शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन पंचायतों के सचिवों को परिवहन कर महिलाओं के आवेदन पास के गांव में भरवाने के निर्देश दिए हैं। विभाग जीप अथवा आटो के किराए का भुगतान करेगा। ज्ञात हो मुख्यमंत्री ने बुरहानपुर की सभा में मंच से इसकी घोषणा की थी।
पोर्टल बंद होने से थोड़ी समस्या आ रही है। जिले में 27 शेडो एरिया चिन्हित किए गए हैं। इनमें परिवहन की सुवधिा दी जा रही है। पास के गांव में ले जाकर महिलाओं के आवेदन भराए जाएंगे। - सुमन कुमार पिल्लई, जिला कार्यक्रम अधिकारी।
Posted By: Prashant Pandey