लवकुशनगर। सरकार भले ही गौ वंश को सुरक्षित आसरा देने के लिए पंचायत स्तर पर करोड़ों रुपये खर्च करके गौ शालाओं का निर्माण सहित बड़ी योजनाएं चला रही हो पर जनपद स्तर पर उनका क्रियान्वयन सही तरीके से न होने से पंचायतों में करोड़ों की लागत से बनने वाली गौ शालाएं अधूरी पड़ी हैं।
लवकुशनगर जनपद पंचायत अंतर्गत जिन ग्राम पंचायतों में गौ शालाऐं स्वीकृत करके बनाई जा रही है उनका काम अटका है और जो बन चुकी है, वहां गौ वंश को आसरा नहीं मिल रहा है। ऐसे में गौ वंशीय पशु गांवों की सड़कों और खेतों पर घूम रहे हैं। जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत अंतर्गत द्वारा लगभग 14 गौ शालाएं बनाई जा रही हैं। जिसमें से 3 गौ शालाएं कटहरा, दौनी और भवानीपुर पंचायत में तैयार हो गई हैं यहां गौ वंश को रखने की खानापूर्ति की जा रही है। शेष गौ शालाएं अधूरी पड़ी हैं, इनको पूर्ण कराने में अधिकारी रुचि नहीं ले रहे हैं। चिन्हित पंचायतों में मनरेगा से 28 व 38 लाख की लागत से बनाई जा रही गौशालाएं शोपीस साबित हो रही हैं। इसी ढ़ीली कार्यशैली पर कलेक्टर द्वारा दिए जा रहे निराश्रित गौवंश की उचित व्यवस्था के आदेश भी बेअसर साबित हो रहे हैं।
जिम्मेदारों की लापरवाही से गौवंश सड़कों परः
जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण इन दिनों निराश्रित गौवंश कड़ाके की ठंड में सड़कों पर विचरण कर रहा है। जिस कारण हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। साथ ही सर्दी में बड़ी संख्या में मृत गौवंश सड़क किनारे देखे जाने से जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। यहां बता दें कि कलेक्टर ने निराश्रित गौवंश की व्यवस्था के लिए सभी जपं सीईओ, जनपद के परियोजना अधिकारी एवं स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया था ताकि सड़को पर घूम रहे निराश्रित गौवंश को पास की निर्मित गौशालाओं में तत्काल व्यवस्थापन की कार्यवाही कराएं। विडंबना ये है कि कलेक्टर के आदेश की धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं। कोई भी गौशालाओं के निर्माण को तेजी से पूर्ण कराने पर जरा भी ध्यान नहीं दे रहा है।
Posted By: Nai Dunia News Network