
नईदुनिया प्रतिनिधि, छतरपुर। इस समय जिलेभर के खरीद केंद्रों पर सोयाबीन की खरीदी भावांतर योजना के अंतर्गत किसानों को कहीं कोई समस्या तो नहीं, इसे देखने के लिए कलेक्टर पार्थ जैसवाल नौगांव मंडी में खरीदी का औचक निरीक्षण करने पहुंचे, जहां निरीक्षण किया और व्यापारियों द्वारा सोयाबीन खरीदी की बोली प्रक्रिया को समक्ष में कराया गया।
कलेक्टर जैसवाल ने कहा कि किसानों को फसल का सही दाम मिले, इसलिए सरकार द्वारा भावांतर योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा 13 नवंबर 2025 को सोयाबीन कृषकों के खातों में राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान न्यूनतम दर से मॉडल रेट 5328 रुपये के बीच की राशि अंतरित की जाएगी। सही तौल और पारदर्शिता परखने के लिए कलेक्टर ने फसल की तौल पत्रक, पंजीयन एवं विक्रय से संबंधित पर्ची की जांच कर मिलान किया। साथ ही कलेक्टर ने सोयाबीन की गुणवत्ता का भी अवलोकन किया।
कलेक्टर ने मंडी में गोदाम की मांग आने पर मंडी सचिव को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही योजना का व्यापारी लाभ न ले पाएं, इस उद्देश्य से फसल बेचने आए किसानों के आधार कार्ड से पंजीयन का मिलान किया। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों के अलावा कोई भी व्यापारी भावांतर का गलत लाभ नहीं ले पाए। प्रत्येक किसान की फसल खरीदी में व्यापारियों द्वारा बोली लगाई जाए। भावांतर योजना में किसानों को व्यापारियों द्वारा लगाई गई बोली के न्यूनतम रेट एवं मॉडल रेट के बीच की राशि योजनांतर्गत भुगतान होता है।
शिवाय अरजरिया, एसडीएम जीएस पटेल, तहसीलदार, जनपद सीईओ, कृषि अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने परखा छात्राओं का ज्ञान निरीक्षण पर निकले कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित बाबू जगजीवन राम सीनियर कन्या छात्रावास और शासकीय उत्कृष्ट कन्या छात्रावास नौगांव का आकस्मिक निरीक्षण किया। जहां उन्होंने छात्रावास के भवन, भोजन कक्ष, रसोई घर, स्टोर रूम, शयन कक्ष, पुस्तकालय आदि व्यवस्था देखी। जो दुरुस्त पाई गई। कलेक्टर ने छात्राओं से मेन्यू अनुसार भोजन मिलने के बारे में बातचीत की। बच्चों द्वारा सकारात्मक उत्तर देने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल नौगांव स्थित शासकीय कृषि बीज प्रगुणन प्रक्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कृषि अधिकारी को निर्देश दिए कि कोदो-कुटकी को आगामी बीज उत्पादन कार्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि जिले में मिलेट्स की उत्पादकता और प्रसार को बढ़ावा मिल सके। बताया गया कि इस प्रक्षेत्र में कुल 8 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेहूं, चना, सरसों एवं अलसी की उन्नत किस्मों के बीजों का उत्पादन किया जाता है। यहां उत्पादित बीजों को कृषि विभाग की योजनाओं के अंतर्गत पात्र किसानों और हितग्राहियों को वितरित किया जाता है।