दमोह। शासन द्वारा दिव्यांगों के लिए भले ही अनेकों योजनाएं चलाई जाती हों, लेकि न जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का कि तना लाभ दिव्यांगों को मिलता है यह वही जानते हैं।
मंगलवार को ऐसा ही मामला सामने आया जब दिव्यांग पति-पत्नी मदद की उम्मीद लगाए कलेक्र्टेट पहुंचे। जनपद पंचायत दमोह अंतर्गत आने वाले भूरी हिनोती गांव निवासी दिव्यांग रज्जू अहिरवार मंगलवार को अपनी पत्नी रागनी और बच्चे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने कलेक्टर को आवेदन देकर रोजगार दिलाने की गुहार लगाई है। दिव्यांग रज्जू ने बताया कि वह बचपन से दोनों आंखो से दिव्यांग है उसकी पत्नी भी आंखो से दिव्यांग है, लेकि न थोड़ा बहुत देख लेती है। वह अधिकारियों के पास रोजगार की मांग लेकर आए थे। अभी तो मांगकर खाते हैं और जिस दिन कु छ नहीं मिलता भूखे ही सो जाते हैं। वह दिव्यांग हैं, लेकि न शासन की योजना का लाभ उन्हे नहीं मिला। इसलिए वह चाहते हैं कि यदि प्रशासन कोई रोजगार दिलवा दे तो वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सकते हैं। रज्जू ने कहा कि यदि प्रशासन कोई कपड़े का काम दिलवा दे तो उसकी पत्नी बेच सकती है क्योंकि उसे थोड़ा दिखाई देता है। शासन से उन्हे कु छ नहीं मिला तो कम से कम अधिकारी ही उसके परिवार का ध्यान रखें।
दहेज में मिली बाइक, पीएम आवास योजना में हो गए अपात्र
जनपद पंचायत दमोह अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत लकलका के ग्रामीणों ने पीएम आवास योजना का लाभ दिलाने के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि पीएम आवास का सत्यापन कराया जाए। ग्रामीणों के साथ आए एक युवक प्रकाश अठया ने बताया कि उसे दहेज में बाइक मिली थी इसके चलते वह पीएम आवास योजना से अपात्र हो गया। क्योंकि सचिव, सरपंच और रोजगार सहायक ने उसे अपात्र घोषित कि या है। उसे बताया गया है कि एक आईडी में उसका और पिता का नाम जुड़ा इसलिए पिता को लाभ मिल गया तो उसे नहीं मिल सकता।
Posted By: Nai Dunia News Network
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