दतिया/सेवढ़ा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। सेवढ़ा में सिंध नदी पर बना एक सदी पुराना छोटा पुल बुधवार को सिंध का जलस्तर बढ़ते ही जलमग्न हो गया। यही एकमात्र रास्ता था जो सेवढ़ा को ग्वालियर आदि आसपास के क्षेत्रों से जोड़े हुए था। छोटा पुल डूबने के साथ ही यहां से आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। सिंध नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ ही छोटे पुल के डूब जाने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। ऐसे में स्थानीय नागरिक बीते वर्ष बाढ़ में बह गए सेवढ़ा पुल के निर्माण की ओर शासन-प्रशासन द्वारा कतई ध्यान न दिए जाने पर नाराजगी जता रहे हैं।
हाल ही में मड़ीखेड़ा डैम से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण यह पुल डूब गया है। बीते वर्ष भी 2 अगस्त को छोटा पुल डूब गया था। जिसके बाद लगातार 5 दिन जलमग्न रहने के कारण पुल का काफी हिस्सा डैमेज भी हो गया था। इसी बाढ़ में सिंध पर बना बड़ा पुल भी टूटकर नदी में समा गया था। तब से बाहरी क्षेत्र में आवागमन का प्रमुख मार्ग सेवढ़ा में नहीं है। बीते 1 वर्ष से यात्री बस सहित कोई भी बड़ा वाहन सीधे ग्वालियर से सेवढ़ा नहीं आता। वाहनों को 60 किलोमीटर का फेरा लगाकर लहार के रास्ते सेवढ़ा आना पड़ता है।
तीन दर्जन गांवों का टूटा संपर्क
मंगलवार-बुधवार की रात मड़ीखेड़ा डैम से छोड़े गए पानी के चलते सिंध नदी का जलस्तर बढ़ा और सुबह 6 बजे तक छोटा पुल पूरी तरह से डूब गया। इससे पहले पुलिस प्रशासन ने खतरे को देखते हुए पुल के ऊपर से आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। पुल डूबते ही नगर के आसपास के 3 दर्जन से अधिक ग्राम जो कि नदी के उस पार स्थित हैं, उनका सेवढ़ा से संपर्क कट गया। वहीं सेवढ़ा नगर की ओर आने वाले ग्वालियर के सभी वाहन तथा ग्वालियर जाने वाले छोटे वाहन, निजी कारों की आवाजाही थम गई। पुल के जलमग्न होने की सूचना इंटरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंची तो शासन प्रशासन के खिलाफ आमजन का गुस्सा भड़क उठा।
पिछली बारिश में बहे पुल के निर्माण में बरती जा रही सुस्ती
एक वर्ष पहले अगस्त माह में ही सेवढ़ा की जीवन रेखा कहे जाने वाला बड़ा पुल बाढ़ में बह गया था। उसके बाद से लेकर अभी तक पुल निर्माण को लेकर सुस्ती बरती गई। खुद सेतु निर्माण शाखा के अधिकारी यह कह रहे हैं कि अभी केवल स्टीमेट तैयार हुआ है। शासन द्वारा मार्च में प्रस्तुत किए गए बजट के दौरान सेवढ़ा पुल का अनुमोदन नहीं किया। इसके बाद यह संभावना व्यक्त की गई कि मानसून सत्र में इस पुल का अनुमोदन हो सकता है, पर अभी सत्र प्रारंभ नहीं हुआ है। जिस छोटे पुल से आवागमन हो रहा था उसके डूबने की खबर आते ही लोगों में इस बात की नाराजगी है कि सेवढ़ा का पुल बनवाने में शासन इतनी सुस्ती क्यों दिखा रहा है।
दोनों तरफ का आवागमन हुआ अवरुद्ध
सिंध नदी पर बना छोटा पुल नदी के उस पार स्थित अनुभाग के 18 गांव के लोगों को तहसील मुख्यालय से जोड़ता है। इन गांवों से नगर में प्रतिदिन दूध और सब्जी किसानों द्वारा लाई जाती है। वहीं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत स्कूली छात्र-छात्राएं भी इसी पुल के रास्ते पहुंचते थे। शासकीय कार्यों के लिए तहसील आने वाले लोगों का यह पुल एकमात्र साधन है। पुल के डूबने के बाद दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही रुक गई। बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पा रहे तो बाजार में दूध और सब्जी पर काफी असर पड़ने लगा है। दूसरी ओर नगर में भी लोगों को ग्वालियर जाने के लिए लहार के रास्ते फेरा लगाना पड़ा। लहार दबोह आलमपुर से आने वाले वाहन जो सेवढ़ा से होकर जाते हैं उन्हें भी वापस लौटना पड़ा। देवस्थल दंदरौआ सरकार व रतनगढ़ माता मंदिर के लिए जाने वाले लोग बैरंग वापिस लौटे। बता दें कि रतनगढ़ माता मंदिर का पुल टूटने के बाद सेवढ़ा क्षेत्र के लोग इसी छोटे पुल से होकर मंगरोल, डिरोलीपार, लोकेंद्रपुर के रास्ते मंदिर तक पहुंचते थे।
नदी के पानी में बह गई रेलिंग
गत वर्ष बाढ़ में इस छोटे पुल की ऊपरी सतह पर काफी नुकसान हुआ था। पुल का बेस मजबूत होने के कारण और बड़ा पुल बह जाने के बाद यही पुल आवागमन का एकमात्र साधन रह गया था। जिसके चलते प्रशासन ने सड़क विकास निगम के माध्यम से पुल के ऊपरी सतह के टूटे हुए हिस्से पर आरसीसी करवाकर मरम्मत कराई थी। साथ ही पुल के दोनों और मुंडिया बनवाई गई। जिससे लोगों को निकलते वक्त गिरने से बचाया जा सके। बरसात के ठीक पहले रेलिंग भी लगवाई गई। लेकिन मंगलवार-बुधवार की रात यह पुल जलमग्न हुआ तो पुल के ऊपर के व्हीलगार्ड और रेलिंग नदी में बह गई। पुल पर डाली गई आरसीसी की परत भी उखड़ गई। यह घटिया सीसी बीते वर्ष ही सड़क विकास निगम द्वारा डलवाई गई थी। छोटे पुल की यह हालत देखकर स्थानीय लोगों की चिंता यह सोचकर बढ़ गई है कि अगर इस पुल को दोबारा से रिपेयर कराने में पिछले बार की तरह एक महीने का वक्त लगा, तब तक लोगों का आवागमन कैसे संभव होगा। हालांकि एसडीएम सहित विभिन्ना प्रशासनिक अधिकारियों ने पुल का मुआयना कर कलेक्टर दतिया से चर्चा की है। जिसके बाद इस पुल को जल्द से जल्द आवागमन के लायक बनाए जाने की संभावना व्यक्त हो रही है।
Posted By: Nai Dunia News Network
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