भांडेर (नईदुनिया न्यूज)। नायब तहसीलदार के रीडर महेश भास्कर (जाटव) को रिश्वत लेने के आरोप में चार साल सश्रम कारावास एवं चार हजार रुपये के अर्थदंड की सजा न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ऋतुराज सिंह चौहान के न्यायालय ने सुनाई है। साथ ही शिकायतकर्ता के विरुद्ध भी मिथ्या साक्ष्य देने के लिए आपराधिक परिवाद पंजीबद्ध करने के आदेश दिए हैं।
पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारी लक्ष्मी कसाब ने बताया कि गौरीशंकर पुत्र स्वर्गीय मेहरबान सिंह लोधी निवासी बड़ेरा सोपान तहसील भांडेर ने 29 दिसंबर 2017 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त ग्वालियर को शिकायत की गई थी कि करीब पांच साल पहले उसने अपनी पांच बीघा जमीन जसवंत लोधी को बेची थी, लेकिन भूलवश गौरीशंकर की 10 बीघा जमीन पर जसवंत का नाम आ गया है। उस नाम को सुधरवाने के लिए नायब तहसीलदार भांडेर के यहां आवेदन दिया। तब तत्कालीन नायब तहसीलदार एमएल शर्मा के रीडर महेश भास्कर पुत्र किशुन लाल भास्कर निवासी सालोन ए द्वारा तीन हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई। आवेदन की जांच उपरांत लोकायुक्त ग्वालियर ने एक जनवरी 2018 को महेश भास्कर को तहसील कार्यालय भांडेर में दो हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। न्यायालय द्वारा आरोपित पर विशेष दोष सिद्ध पाए जाने पर उसे सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई गई।
उल्लेखनीय है कि फरियादी गौरीशंकर लोधी ने अपने न्यायालयीन कथन के दौरान अभियोजन के प्रतिकूल साक्ष्य देते हुए पक्षद्रोही साक्ष्य दिया था। साक्षी के द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने पर विशेष लोक अभियोजक द्वारा साक्षी के विरुद्ध धारा 340/344 आईपीसी के तहत आवेदन प्रस्तुत करते हुए न्यायालय से निवेदन किया कि साक्षी के विरुद्ध शपथ पर मिथ्या साक्ष्य देने के आपराधिक कृत्य के विरुद्ध पृथक से आपराधिक कार्रवाई की जाए। जिसे न्यायालय द्वारा स्वीकार करते हुए आवेदक गौरीशंकर के विरुद्ध पृथक से परिवाद दायर किए जाने का भी आदेश दिया गया।
Posted By: Nai Dunia News Network
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