देवास(नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में कोरोना ने संक्रमण तेज हो गया है। जिले में कोविड मरीजों का शतक लग चुका है और लगातार संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। तीसरी लहर के अब तक के ट्रेंड को देखें तो संक्रमण तेजी से अचानक तेज हुआ है, लेकिन राहत कही जा सकती है कि मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ज्यादातर मरीज तो बिना लक्षण वाले हैं। जबकि कुछ मरीजों को सिर्फ सर्दी खांसी व बुखार के लक्ष्ण सामने आए हैं। अब तक ऐसा केस नहीं सामने आया हैं। जिसमें फेफड़ों में गंभीर संक्रमण सामने आया हो। बिना लक्षण वाले मरीज घर पर ही रेग्युलर इलाज के जरिए ठीक हो रहे हैं। जिसमें बुजुर्गों से लेकर बच्चे भी शामिल हैं, लेकिन राहत के साथ मरीजों में लक्ष्ण नहीं होना भी चिंता का विषय है, क्योंकि ऐसी स्थिति में संक्रमण के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। लोग लक्षण नहीं होने पर कोविड जांच नहीं करवाते हैं। जिन्हें हल्के लक्षण होते हैं वे स्थानीय स्तर पर दवाइयां लेकर इलाज करते हैं। जिससे संक्रमण फैलने की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं।
ये दो बड़े कारण है, जिससे राहत
1-ज्यादातर संक्रमितों को लगी है वैक्सीन
जिले में दूसरी लहर ने अप्रैल-मई माह में कहर बरपाया था। उस वक्त अभी के मुकाबले वैक्सीनेशन की रफ्तार कम थी और लोगों का कम टीका लगा था, लेकिन तीसरी लहर के वक्त जिले में अभी तक करीब 22 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। ज्यादातर संक्रमितों को वैक्सीन की पहली या फिर दूसरी डोज लग चुकी है। वैक्सीन का भी असर माना जा रहा है कि कोविड मरीज की स्थिति गंभीर नहीं हो रही है, क्योंकि जनवरी के पहले सप्ताह में खातेगांव का 60 साल का बुजुर्ग संक्रमित हुआ था। जिसे वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी। बुजुर्ग होने के बाद उसकी स्थिति सामान्य रही। उसने घर पर ही भर्ती होकर कोरोना को मात दे दी थी।
2-सीरो सर्वे से भी मिले थे राहत के संकेत
पिछले साल जिले में सीरो सर्वे से भी राहत के संकेत मिले थे। आइसीएमआर का सीरो सर्वे पिछले साल हुआ था। सर्वे के मुताबिक जिले में 80 प्रतिशत लोगों में एंटीबाडी बनने की जानकारी सामने आई थी। स्वास्थ्यकर्मियों में 90 प्रतिशत एंटीबाडी विकसित हुई थी। आइसीएमआर जबलपुर की टीम ने सर्वे किया था। जिसके तहत टीम ने एंटीबाडी की जांच को लेकर पांच सौ लोगों के सैंपल लिए थे। टीम ने जिले के 10 गांवों में 40-40 लोगों की सैंपलिंग की थी। वहीं शहर के वार्डों से 100 लोगों के सैंपल लिए गए थे।
ये सावधानियां बरतें
-संक्रमित के संपर्क में आए तो जांच करवाएं
-लक्षण होने पर खुद को पहले आइसोलेट करें
-कोशिश करें कि भीड़भाड़ वाली जगहों में ना जाएं
-वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही नहीं करें
-अपना इलाज खुद ना करें, विशेषज्ञों से संपर्क करें
लक्षण नहीं होने से लोगों को और ज्यादा सावधानी बरतना है। यात्राओं को टाले। मास्क के साथ गाइड लाइन का पालन करें। अगर किसी पाजिटिव मरीज के संपर्क में आए तो तुरंत जांच करवाएं।
- डाक्टर अतुल पवनीकर, एमडी मेडिसिन
वैक्सीन लगवाने से व्यक्ति की गंभीर स्थिति में नहीं जाता है। इसलिए संक्रमण को लेकर लोग लापरवाही नहीं करें। वैक्सीन की डोनों डोज लगवाएं। वहीं बुस्टर डोज भी लगवाएं।
- डाक्टर एमपी शर्मा, सीएमएचओ
Posted By: Nai Dunia News Network