Dewas Crime News: देवास (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नाबालिग लड़की के साथ अश्लील वीडियो बहुप्रसारित करने की धमकी देकर दुष्कर्म करने के दोषी को न्यायालय ने अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। आरोपित ने नाबालिग को बेहोश कर उसका वीडियो बनाया था।

दो वर्ष तक दुष्कर्म के बाद नाबालिग को पीड़ा हुई और उसने मृत बच्चे को अस्पताल में जन्म दिया, जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ। न्यायालय ने आरोपित के अपराध को जघन्य मानते हुए उसके साथ कोई सहानुभूति नहीं दिखाई और सजा के साथ पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेन्द्रसिंह भदौरिया ने बताया कि थाना विजयगंज मंडी क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय नाबालिग को पेट दर्द के बाद उज्जैन के निजी अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में 21 दिसंबर 2020 को नाबालिग को मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ।

इसके बाद जो कहानी सामने आई वह डरावनी थी। नाबालिग कक्षा 8 वीं की पढ़ाई कर रही थी। मार्च 2020 से लाक डाउन के कारण स्कूल बंद होने से वह घर पर ही रह कर पढ़ाई कर रही थी।

वर्ष 2018 में जब वह कक्षा छ: में थी, तब उसने स्कूल जाना शुरू ही किया था तभी स्कूल जाने के 5-6 दिन बाद ही आरोपित राजेन्द्र उर्फ राजपाल सिंह ने उसे जुलाई 2018 में बहाने से अपने घर बुलाया। उस समय उसके घर पर कोई नहीं था। आरोपित ने अपने घर के एक कमरे में उसे जबरदस्ती ले जाकर बेहोश कर दिया और कपड़े उतारकर पीडि़ता का वीडियो बनाया।

वीडियो दिखाकर दी धमकी

पीडिता को होश आने पर आरोपित ने उसे वीडियो दिखाया और बोला कि तूने किसी को कुछ बताया तो तेरे पापा को गांव से बाहर निकाल देंगे। वह डर गई और डर के कारण उसने किसी को कुछ नहीं बताया। तब से लेकर लगातार दो- तीन साल तक आरोपित उसके साथ जबरदस्ती करता रहा। इस बीच वह वीडियो बहुप्रसारित करने की धमकी भी देता रहा। मामले का खुलासा नाबालिग के बीमार होने के बाद हुआ।

जघण्य अपराध की श्रेणी में कृत्य

उज्जैन में मामले की सूचना पुलिस को दी गई, जिसके बाद अपराध देवास जिले का होने से विजयगंज मंडी थाना में आरोपित के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया। प्रकरण गंभीर जघन्य सनसनीखेज की श्रेणी में चिन्हित था, जिसकी विवेचना के बाद पुलिस ने विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट के न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया।

प्रकरण में विशेष न्यायाधीश ने निर्णय पारित करते हुए आरोपित राजेंद्र उर्फ राजपालसिंह को बाकी बचे प्राकृत जीवनकाल मतलब अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। साथ ही पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। न्यायालय ने पीड़िता को प्रतिकर राशि देने के आदेश भी दिए। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी डीपीओ राजेन्द्र सिंह भदौरिया ने की। प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक सोनिया धाकरे ने की। कोर्ट मोहर्रिर आरक्षक हर्षवर्धन चौहान का सहयोग रहा।

Posted By: Hemant Kumar Upadhyay

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