*आचार्यश्री का 55वां दीक्षा दिवस मनाया, शोभायात्रा निकाली, ध्वजारोहण किया
सोनकच्छ। विनम्रता, आदर-सत्कार के साथ विशुद्धि का भाव होना चाहिए। भावनाओं की निर्मलता के साथ अगर आप सिद्धचक्र मंडल विधान का लाभ लेंगे तो आप निश्चित ही विधान के साथ-साथ पंच कल्याणक का भी आंनद लेंगे।
यह बात महावीर दिगंबर जैन मंदिर में पुण्यार्जन सेठी परिवार द्वारा आयोजित सिद्धचक्र महामंडल के शुभारंभ अवसर पर ब्रह्मचारी मनोज लल्लन भैया ने कही। उन्होंने कहा कि जीवन में स्पीड कितनी पकड़ लो लेकिन सांसों की ग्यारंटी नहीं है। इसलिए अपना पुण्य बढ़ाना हो तो विनम्र बनो झुकना सीखो क्योंकि श्रीफल महत्वपूर्ण है लेकिन उससे ज्यादा शीशफल महत्वपूर्ण होता है।
आयोजन से एक दिन पूर्व जैन समाज व सेठी परिवार द्वारा विधानाचार्य निमंत्रण के साथ परिवार के सुरेश सेठी द्वारा तिलक लगाकर निमंत्रण देते हुए विधानचार्य लल्लन भैयाजी का सम्मान किया गया।शुभारंभ अवसर पर पुण्यार्जन परिवार के घर से बैंडबाजों ढोल-ढमाकों व सकल दिगंबर जैन समाज के साथ एक शोभायात्रा निकाली गई।यात्रा में सकल जैन समाज के महिला पुरुष, बच्चे शामिल थे। शोभायात्रा में महिलाओं ने चुंदड़ी पहनी, सिर पर मंगल कलश लिए थे।विधानचार्य भैया जी, परिवार के सदस्य व जाप मंडल धोती, पंछे पहन के यंत्र लिए हुए चल रहे थे।समाज के रोमिल जैन ने बताया कि मंदिर परिषर भैयाजी द्वारा मंत्रोउच्चार के द्वारा जैन समाज अध्यक्ष रविन्द्र भूच व ट्रस्टियों के साथ सेठी परिवार के वरिष्ठजनों द्वारा ध्वजारोहण किया गया।
सिद्धचक्र महामंडल विधान के समक्ष समाज व पुण्यार्जन परिवार की महिलाओं ने मंडप शुद्धि कर भगवान की भक्ति का पुण्यलाभ लिया। आचार्य भगवंत विद्यासागर की महाराज का 55वां दीक्षा दिवस मानते हुए आरती की गई। विधान की निर्विघ्नता से संपन्ना होने की कामना करते हुए श्री आदिनाथ नवयुवक मंडल सदस्यों व समाजजन द्वारा सवालाख मंत्र जाप का संकल्प लिया।
Posted By: Nai Dunia News Network
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