डही (नईदुनिया न्यूज)। कट्ठीवाड़ा (आलीराजपुर) के प्रसिद्ध नूरजहां आम की डही क्षेत्र के ग्राम कातरखेड़ा में इस साल पैदा होने वाली नस्ल देसी आम बनकर रह गई है। नूरजहां आम यहां अब जाकर परिपक्व हुए हैं, लेकिन वह नूरजहां की तरह विशेष नजर न आते हुए देसी आम की शक्ल में नजर आ रहे हैं। जबकि पिछले वर्ष कातरखेड़ा में नूरजहां आम की फसल आकार के मामले में ज्यादा बेहतर थी।
नूरजहां का खास आम इस बार क्षेत्र में सामान्य आम बनकर रह गया है। कातरखेड़ा में इसकी पैदावार करने वाले पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी आरएस जमरा ने बताया कि नूरजहां आम के पेड़ पर अमूमन चार से पांच फल आते हैं, लेकिन इस बार कातरखेड़ा में मेरे द्वारा लगाए गए पेड़ों पर सामान्य देसी आम की तरह यह जगह-जगह लग आए हैं। इस तरह नूरजहां आम की फसल इस बार पूरी तरह से बिगड़ गई। जबकि गत वर्ष इस पेड़ पर केवल चार आम आए थे। हालांकि पिछले बार भी आम का आकार छोटा ही था, लेकिन फिर भी पिछली बार विशेष बात नजर आ रही थी, जो इस बार नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कट्ठीवाड़ा के नूरजहां आम का वजन ढाई से तीन किलो तक होता है और यह 500 से एक हजार रुपये प्रति नग के हिसाब से बिकता है। कट्ठीवाड़ा में जो नूरजहां आम के पेड़ है, उसमें एक पेड़ में मात्र सात से आठ आम पैदा होते हैं, क्योंकि ये काफी वजनी होते हैं, जिन्हें जमीन से लकड़ी के सपोर्ट द्वारा पेड़ पर परिपक्व होने तक रखा जाता है। डही में पिछले साल नूरजहां आम के पेड़ पर एक गुच्छे में चार बड़े आम आए थे, लेकिन इस बार नूरजहां आम के खास पेड़ पर सामान्य आम की तरह पैदावार हो गई। नूरजहां आम की फसल बिगड़ते देखकर उसका उत्पादन लेने वाले जमरा इस बार निराश हैं, क्योंकि उन्होंने कट्ठीवाड़ा से इस प्रजाति के काम को यहां की जलवायु में ढालते हुए काफी मेहनत की थी, लेकिन यह फलीभूत नहीं हो सकी।
Posted By: Nai Dunia News Network