कुंभराज। नवदुनिया न्यूज
धनिया को जीआइ टैग के लिए शुक्रवार को एक चर्चा रखी गई। इसमें धनिया उत्पादक, किसान, व्यापारी, निर्यातक, संबंधित विभागों के अधिकारी और विज्ञानी उपस्थित रहे। इस दौरान तय किया गया कि व्यापारी और किसानों की सोसाइटी बनाई जाए। विभिन्ना मंडियों से सैंपल लिए जाएं। धनिया के इतिहास को पुराने दस्तावेजों से सत्यापन किया जाए। पंजीयन के लिए 21 सदस्यीय समिति बनाई जाए आदि निर्णय लिए गए। कृषि उपज मंडी कार्यालय में धनिया की जीआइ टैग के लिए धनिया उत्पादक, किसान, व्यापारी, निर्यातक एवं मंडी सचिव प्रेम कुमार मीना की उपस्थिति में धनिया के रिकॉर्ड उत्पादन और उसके इतिहास सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान एके उपाध्याय डीडीए, एके राजपूत डीडीए उद्धानिकी, आरएन श्रीवास्तव प्रबंधक उद्योग, डॉ. बीएल प्रजापति कृषि विज्ञानी, एएस भदौरिया, केबी सक्सेना एसएडीओ, टीआर सोलंकी, व्यापारी संघ के अध्यक्ष रामेश्वरदयाल गुप्ता, साजिद खान, सुरेश पेंढारकर सहित प्रगतिशील किसान, व्यापारी उपस्थित रहे। इस दौरान धनिया को जीआइ टेग कराने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की, जिसमें व्यापारी और किसानों की सोसायटी बनाने, गुणवत्ता, स्थान, विशेषता पर सभी के सुझाव मांगे गए। इससे होने वाले लाभ का पैसा धनिया के विकास पर खर्च किया जाए। सभी ने अपने सुझावों से अवगत कराया। विभिन्ना मंडियों के सैंपल जुटाना, उसमें अंतर पता करना, इसके इतिहास को पुराने दस्तावेजों से सत्यापित करना, इसकी आवक और बिक्री की गणना करना होगा। इसके पंजीयन के लिए 21 सदस्यों की समिति बनाई जाएगी, जो धनिया के सभी विषयों पर काम करेगी।
व्यवधानों से टलता रहा योजना पर काम
गौरतलब है कि इस विषय पर दो वर्षों से शासन द्वारा मंथन किया जा रहा है, लेकिन कोरोना के चलते बात नहीं बन सकी। पूर्व में तत्कालीन कलेक्टर के. विश्वनाथन यहां की मंडी मे आए थे, जिन्होंने व्यापारियों की गोदाम में जाकर धनिया की गुणवत्ता, रंग, उत्पादन के क्षेत्र, मात्रा, आवक आदि जानकारी ली थी। उनके साथ हार्टीकल्चर की टीम भी आई थी, जिसने एक जिला एक उत्पादन की योजना के अन्तर्गत विश्व स्तर पर धनिया की पहचान बनाने सारी प्रक्रिया पूरी कर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पूरा प्रकरण दर्ज कराकर विश्व स्तर पर मान्यता लेने की कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। लेकिन कई तरह के व्यवधानों के चलते योजना को पलीता लग गया, जो अब पुनः शासन को नये सिरे से मशक्कत करनी पड रही है।
Posted By: Nai Dunia News Network