गुना (नवदुनिया प्रतिनिधि)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से राहुल गांधी निवेदन कर चुके हैं, संसद में बोलने का अवसर दिया जाए, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष केंद्र सरकार के दबाव में हैं। इसलिए संसदीय परंपराओं का पालन नहीं कर पा रहे हैं। यह बात राज्यसभा सदस्य व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा अध्यक्ष को बता चुके हैं कि अगर आरोप लगाए गए तो जवाब देने का अधिकार भी होना चाहिए, लेकिन इसके विपरीत संसद में राहुल गांधी और राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बयानों को विलोपित कर दिया जाता है। आरोप लगाया कि अब उन्हें संसद से निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह घोर असंसदीय और असंवैधानिक है। विपक्ष द्वारा जेपीसी की मांग पर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि इस संस्था का अध्यक्ष बहुमत वाले दल का नेता होता है, इसलिए केंद्र सरकार को जेपीसी बना देनी चाहिए। जेपीसी से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
आरएसएस की संस्था को 100 करोड़ की जमीन 38 लाख में दे दी
पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दिग्विजय सिंह ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोप्रेम पर सवाल खड़े किए हैं। भाजपा सरकार ने गुना में गोशाला की जमीन आरएसएस की संस्थाओं को 38 लाख रुपए में बेच दी है। इसकी रजिस्ट्री को निरस्त कराने के लिए कांग्रेस हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। भाजपा और आरएसएस को गोप्रेम नहीं है, बल्कि भूमि यानी जमीन से प्रेम है। गोशाला की जमीन आरएसएस के पास नहीं जा सकती है। इसके खिलाफ वह लड़ेंगे और इसे राष्ट्रीय मुद्दा बनाया जाएगा।
संसद की कार्रवाई बाधित होने पर उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि बीते 45 वर्षों में उन्होंने पहली बार देखा है जब सत्तापक्ष सदन नहीं चलने दे रहा है। यही सब नरेंद्र मोदी बोलते थे, तब उसे राष्ट्रीय माना जाता था। अब राहुल गांधी बयान दे रहे हैं तो उसे अराष्ट्रीय करार दे दिया जाता है।
Posted By: Nai Dunia News Network
- Font Size
- Close