ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नगर निगम पर कुल 60 करोड़ रुपये का कर्ज है। निगम ने 150 करोड़ रुपये का कर्ज एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) से पानी व ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने के लिए लिया था। इसमें 30 करोड़ रुपये बकाया हैं, जो आगामी तीन साल में चुकाने हैं। वहीं 30 करोड़ रुपये सड़क निर्माण के लिए शासन से लिए हैं, जिसकी किश्त इस माह से जमा की जाएगी। निगम के 66 वार्डो में 60 करोड़ कर्ज की राशि को बांटने पर हर वार्ड पर करीब 90 लाख रुपये का कर्ज है। वहीं इस साल निगम ने 1388 करोड़ रुपये का बजट रखा है।
नगर निगम चुनावों की अधिसूचना कभी भी जारी हो सकती है। इस बार संभवत: एक माह के अंदर निगम के चुनाव हो जाएंगे। जनता 66 पार्षद चुनकर निगम परिषद में भेजेगी। इन पार्षदों को अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के लिए परिषद ने पिछली बार मौलिक निधि 45 लाख रुपये रखी थी। वहीं सभापति की मौलिक निधि तीन करोड़ एवं महापौर की पांच करोड़ रुपये तय की थी। निगम सीमा में विकास कार्यो के लिए मौलिक निधि परिषद तय करती है। इस बार निगम के 1388 करोड़ रुपये के बजट में से पार्षदों को पूर्व की भांति 45 लाख रुपये या इससे अधिक मौलिक निधि मिल सकती है। इसकी वजह पिछले तीन वर्ष से परिषद नहीं होने के कारण शहर के अनेकों वार्डों में विकास कार्य नहीं हो पाना है।
ऐसे तय होता है विकास कार्यो का खाका: शहर में सड़क, सीवरेज, पानी, बिजली आदि के लिए निगम में बजट तय रहता है। साथ ही पार्षद, महापौर, सभापति अपनी मौलिक निधि से जो भी विकास कार्य कराना चाहते हैं, उसका स्वरूप महापौर कार्यालय से बनाकर भेजा जाता है। इसके बाद बजट में प्रविधान किए गए कार्यो में से वह राशि दी जाती है।
2022-23 के बजट में विकास कार्यो के लिए राशि का प्रविधानः
-1388 करोड़ 29 लाख 43 हजार रुपये की आय का लक्ष्य।
-1368 करोड़ 73 लाख 7 हजार रुपये का व्यय होगा।
-369 करोड़ की आय संपत्ति कर व अन्य करों से आय का लक्ष्य।
-3 लाख 27 हजार 600 रुपये की बचत होगी।
-200 करोड़ का प्रविधान प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए है।
-90 करोड़ का प्रविधान सड़कों के लिए है।
-800 करोड़ का प्रविधान अमृत योजना पार्ट-2।
-53 करोड़ का प्रविधान सीएंडडी बेस्ट प्लांट लगाने।
-7 करोड़ का प्रविधान ई-व्हीकल एवं सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने।
-31 करोड़ का प्रविधान गोशाला में सीएनजी प्लांट के लिए।
-5 करोड़ का प्रविधान दमकल विभाग में नए वाहनों को खरीदने।
-1 करोड़ का प्रविधान बायोचलित शौचालयों खरीदने।
-1 करोड़ का प्रविधान ठेले एवं डस्टबिन खरीदने के लिए।
वर्जन-
नगर निगम की वित्तीय स्थिति पहले से काफी ठीक है। हमने पिछले पांच साल में सिर्फ सड़कों के विकास कार्यो के लिए 30 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जबकि करीब 100 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया है।
देवेंद्र पालिया, पूर्व अपर आयुक्त वित्त नगर निगम
वर्जन-
वर्तमान में नगर निगम पर कितना कर्ज है और कितनी किश्तें जा रही हैं, यह आंकड़ा मुझे याद नहीं है। मैं दस्तावेजों में देखकर ही बता सकती हूं।
रजनी शुक्ला, अपर आयुक्त वित्त ननि
Posted By: vikash.pandey
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