Bronchiolitis spreading: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ब्रोंकियोलाइटिस के चलते बच्चे लगातार बीमार हो रहे हैं। बुधवार को इस बीमारी के चलते दो बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए। जिन्हें सांस लेने में परेशानी आ रही थी, इस कारण उन्हें आइसीयू में भर्ती करना पड़ा। हालात यह है कि कमलाराजा अस्पताल में स्थित आइसीयू में 16 बेड हैं। जिन पर 62 बच्चे भर्ती होकर उपचार ले रहे हैं। एक बेड पर तकरीबन चार बच्चों को रखकर उपचार दिया जा रहा है। इन 62 मरीजों में 37 बच्चे ब्रोंकियोलाइटिस से पीड़ित है। बुधवार को ओपीडी में 2278 मरीज परामर्श लेने पहुंचे। जिनमें से 277 मरीजों को भर्ती किया गया। मेडिसिन की ओपीडी में सबसे अधिक जुकाम, खांसी और बुखार की समस्या लेकर मरीज पहुंचे। इन मरीजों को एंफ्लुएंजा वायरस की शिकायत है या नहीं इसको लेकर असमंजस है। लेकिन अगले दो दिन में किट की उपलब्धता होने पर एंफ्लुएंजा वायरस की जाचं जीआरएमसी के माइक्रो बायोलोजी विभाग में होने लगेगी।

ब्रोंकियोलाइटिस के लक्षण

ब्रोंकियोलाइटिस आपके फेफड़ों में जाने वाले वायुमार्ग में होने वाली सूजन है। जब आपका वायुमार्ग (ट्रेकिया और ब्रान्काई) में जलन होती है, तो वे सूज जाते हैं और बलगम से भर जाते हैं, जिससे आपको खांसी होती है। यह खांसी कुछ दिनों से लेकर दो हफ्तों तक रह सकती है। यह ब्रोंकियोलाइटिस का प्रमुख लक्षण है। एक्यूट ब्रोंकाेलाइटिस की बात करें तो यह धूल, धुएं, वायु प्रदूषण, तंबाकू के धुएं जैसी चीजों के बीच सांस लेने या वायरस के कारण होता है। एक्यूट ब्रोंकियोलाइटिस बहुत आम है। बैक्टीरिया भी इसके होने का कारण बन सकता है। इसके लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुखाम ही होते हैं जिसमें नाक बहने लगती है, खांसी होती है, सिर में हल्का दर्द रहता है। ब्रोंकियोलाइटिस के अन्य लक्षण अन्य संक्रमणों के समान होते हैं, जैसे सामान्य सर्दी या साइनसाइटिस, और इसमें शामिल हो सकते हैं जैसे गले में खराश।

सावधानी:

- ठंडा पानी न पीएं

- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

- बच्चों को खुले में लेकर न जाएं।

- अधिक ठंडा पानी का सेवन न करें।

- घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाएं।

बीमार व्यक्ति के संपर्क से बच्चों को दूर रखें।

ब्रोंकियोलाइटिस की शिकायत के चलते दो बच्चे भर्ती हुए, अब संख्या 37 हो चुकी है, लेकिन सभी की हालत में सुधार है। मार्च आखिर तक यह रोग की तीव्रता कम होने लगेगी।

डा अजय गौड़, विभागाध्यक्ष बाल एवं शिशु रोग विभाग गजराराजा मेडिकल कालेज

Posted By: anil tomar

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