ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश में सूत्र सेवा के तहत चल रहीं सरकारी सिटी बसों पर अब टैक्स नहीं लगेगा। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने अर्बन रिफार्म्स में सिटी बसों से परिवहन विभाग द्वारा वसूला जाने वाला कर माफ करने के लिए कहा है। वित्त मंत्रालय के पत्र के आधार पर नगरीय विकास आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव ने परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा को सिटी बसों से कर हटाने का प्रस्ताव भेजा है। इससे एक तरफ सिटी ट्रांसपोर्ट के अंतर्गत बसों को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही टैक्स कम होने से किराए में भी कमी की जाएगी। इस प्रस्ताव पर आगामी 30 अगस्त तक निर्णय लिया जाना है। वर्तमान में ग्वालियर सहित अन्य शहरों में परिवहन विभाग द्वारा टैक्स बकाया होने के कारण सिटी बसों को परमिट जारी नहीं किए जा रहे हैं।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने पूंजीगत निवेश की विशेष सहायता योजना के छठवें भाग में अर्बन रिफार्म में छह हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। अर्बन रिफार्म के कुल छह घटकों में से एक शहरी परिवहन से संबंधित है। इसके लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि राज्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सिटी बसों को रोड टैक्स में छूट देने का काम करें। ये टैक्स परिवहन विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में आरटीओ के माध्यम से वसूल किया जाता है। इन टैक्स हटने से इन बसों की वार्षिक परिचालन लागत कम होगी और सिटी बसों को बढ़ावा मिलेगा। परिचालन लागत कम होने से बसों का किराया भी कम होगा, जिससे यात्रियों को लाभ मिलेगा। इस क्रम में नगरीय विकास विभाग के आयुक्त निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है कि इस संबंध में राजकोषीय नीति तैयार कर बसों के संचालन के लिए राज्य कैरिज टैक्स और मोटर व्हीकल टैक्स में छूट दी जाए।
मुख्य सचिव ने दिए अमल करने के निर्देशः इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन प्रस्तावित रिफार्म को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। ये निर्देश लागू होने के बाद प्रदेश द्वारा केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की गई लगभग 700 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के लिए दावा किया जाएगा। इस राशि से प्रदेश में विकास कार्य कराए जाएंगे।
सूत्र सेवा के नाम से चल रही बसेंः वर्तमान में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत सूत्र सेवा के नाम से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा भोपाल, इंदौर जैसे शहरों में बीआरटीएस में बसों का संचालन होता है। परिवहन विभाग के फैसले से इन सिटी बसों से टैक्स नहीं लिया जाएगा और यात्रियों को किराया भी कम चुकाना पड़ेगा।
ये लगता है टैक्सः वर्तमान में शहर के अंदर चलने वाली बसों से 90 रुपये प्रति सीट प्रति तिमाही लिया जाता है यानी हर महीने टैक्स के रूप में 30 रुपये लिए जाते हैं, जबकि नगरीय सीमा से बाहर चलने वाली बसों के लिए 150 रुपये प्रति माह प्रति सीट का प्रविधान मध्यप्रदेश कराधान अधिनियम में है।
वर्जन-
वित्त मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार सिटी बसों को रोड टैक्स में छूट दी जानी है। इसके लिए हमने हाल ही में परिवहन आयुक्त को पत्र लिखा है। परिवहन विभाग द्वारा रोड टैक्स में छूट देने से बसों का संचालन आसान होगा और यात्री किराए में भी कमी की जाएगी।
निकुंज श्रीवास्तव, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास
वर्जन-
हमें इस संबंध में प्रस्ताव मिला है। मध्यप्रदेश कराधान अधिनियम के तहत टैक्स में छूट देने का अधिकार राज्य शासन को है। ऐसे में राज्य शासन के निर्णय के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त परिवहन विभाग
Posted By: vikash.pandey
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