Data security: विक्रम तोमर. नईदुनिया प्रतिनिधि। अक्सर होता है कि लोग अपना लैपटाप या मोबाइल क्रैश या चोरी हो जाने पर जरूरी डेटा गंवा बैठते हैं। दोनों ही स्थिति में डेटा का नुकसान तो होता ही है और बिना डिवाइस के इसे फिर से हासिल नहीं किया जा सकता। ऐसे में जरूरी हो जाता है कि डेटा का बैकअप हो, इसलिए डेटा को कंप्यूटर और मोबाइल से अलग आनलाइन प्लेटफार्म पर स्टोर किया जाता है।

31 मार्च यानी च्वर्ल्ड बैकअप डेज् के मौके पर कंप्यूटर और फोन के डेटा का बैकअप लेने, उसे सुरक्षित रखने और खोया हुआ डेटा वापस हासिल करने को लेकर आइटी एक्सपर्ट इंजी. अभिषेक अग्रवाल ने नईदुनिया से जानकारी साझा की। साथ ही बताया कि आनलाइन डेटा बैकअप लेने पर किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस रिपोर्टर से आप भी जानिए डेटा का बैकअप लेने का सही तरीका क्या है.. अब तक आफलाइन मोड पर डेटा को सेव करने के लिए पेन ड्राइव, एसडी कार्ड, एक्सटर्नल हार्ड डिस्क का उपयोग कर के डेटा सुरिक्षत कर लेते थे, लेकिन अब सीधे गूगल ड्राइव, वन ड्राइव एवं आइ क्लाउड पर आनलाइन मोड पर अपने मोबाइल और कंप्यूटर के डेटा का बैकअप सेव कर सकते हैं। जरूरत पड़ने पर ले भी सकते हैं।

बैकअप के लिए देना होता है शुल्क

अगर आपको ऐसा लगता है कि आनलाइन माध्यम से क्लाउड या ड्राइव पर डेटा सेव करना निश्शुल्क है तो ऐसा नहीं है। अलग-अलग आनलाइन प्लेटफार्म पर एक तय सीमा तक डेटा बैकअप फ्री रखा जा है, उसके बाद शुल्क चुकाना होता है। जैसे गूगल ड्राइव पर 15 जीबी तक डेटा फ्री में सेव कर सकते हैं। इसके बाद 100 जीबी के लिए 150 रुपये प्रतिमाह चुकाना पड़ता है। इसी तरह अन्य ड्राइव में भी शुल्क देय होता है।

बिखरे डेटा को संजोता है एनएएस

एनएएस (नेटवर्क अटैच्ड स्टोरेज) काफी रोचक डिवाइस है। इसका काम होता है अलग-अलग कंप्यूटर में मौजूद डेटा को एक जगह सहेज कर यूजर को उपलब्ध करवाना। हालांकि इसका उपयोग बड़े स्तर पर किया जाता है। सुविधा की बात करें तो यह डिवाइस सभी कंप्यूटरों के डेटा को स्टोर कर उसका बैकअप भी अपने पास बना लेती है और आवश्यकता महसूस होने पर डेटा को एन्क्रिप्ट भी कर लेता है।

स्टेप वेरीफिकेशन जरूरी

आइटी विशेषज्ञ इंजी. धीरज बांदिल बताते हैं कि क्लाउड या ड्राइव पर डेटा सेव करते समय जरूरी है कि इसका टू स्टेप वेरिफिकेशन आन रखा जाए।

इससे होता यह है कि पासवर्ड डालने के बाद भी आपका एकाउंट खुलेगा नहीं, बल्कि एक ओटीपी आपके मोबाइल पर आएगा। इसे डालने पर ही आपका एकाउंट खुलेगा। यदि कभी आपके एकाउंट का पासवर्ड किसी को मिल जाए और वह इसे एक्सिस करने की कोशिश करे तो एकाउंट खुलने के बजाए आपके पास एक मैसेज आ जाएगा, जिससे आप सचेत हो जाएंगे।

रिकवरी एड्रेस जरूरी

आइटी विशेषज्ञ अभिषेक अग्रवाल बताते हैं कि जब भी किसी ड्राइव पर एकाउंट बनाएं तो रिकवरी एड्रेस जरूर सेव करें। यह आपका मोबाइल नंबर या ईमेल आइडी दोनों हो सकते हैं। जब कभी यूजर अपना पासवर्ड भूल जाते हैं तो इसी की सहायता से अपने एकाउंट को रिकवर कर सकते हैं।

डेटा में पासवर्ड जरूर सेट करें

आइटी विशेषज्ञ धीरज बांदिल बताते हैं यूजर अपनी डिवाइस का डेटा चाहे किसी भी मोड में सेव करें उस पर पासवर्ड जरूर सेट करें। आफलाइन डिवाइस जैसे पेन ड्राइव या हार्ड डिस्क को पासवर्ड से सुरक्षित रखें और आनलाइन को टू स्टेप वेरिफिकेशन से सुरक्षित करें।

Posted By: anil tomar

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