- बच्चों का ठंड, धूल, धुआं आदि से करें बचाव ,श्वांस नली में बढ़ाती है परेशानी
- डेंगू के 22 में से 16 ग्वालियर के और 14 बच्चे चपेट में आए
ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। डेंगू की शनिवार को आई जांच रिपोर्ट में 22 नए मरीज पाए गए। जिसमें 16 ग्वालियर के रहने वाले हैं और 14 बच्चे हैं। कुछ दिनों से मौसम में ठंडक बढ़ने से डेंगू के आंकड़ों में कमी आई है, लेकिन ब्रोंकाइटिस के मरीज बढ़े हैं। डेंगू मरीजों का आंकड़ा 2633 पर जा पहुंचा है, जबकि चिकनगुनिया के डेढ़ दर्जन मरीज मिल चुके हैं।
इन स्थानों से मिल डेंगू के मरीज
डेंगू के 17 मरीज हजीरा, वैष्णोपुरम, सिरोल, माधव नगर, घाटीगांव, विक्की फैक्ट्री, गोल पहाड़िया, मुरार, किला गेट, घासमंडी, आरा मिल, थाटीपुर, रमटापुरा, सिंधिया नगर, जीवाजीगंज, सिकंदर कंपू, नाका चंद्रबदनी, रामनगर, निंबालकर गार्डन, मोतीझील, त्यागी नगर, पिंटो पार्क आदि स्थानों से मिले हैं। इसके अलावा शिवपुरी, मुरैना, भिंड आदि जिलों के पाए गए।
धूल, धुआं और सुगंधित वस्तु से रखें दूरी
शिशुरोग विशेषज्ञ डा.दीपक अग्रवाल का कहना है कि बच्चों में ब्रोंकाइटिस की परेशानी तेजी से बढ़ी है। यह समस्या बच्चों में तब बढ़ती है जब बच्चे को अचानक से गर्मी से सर्दी या सर्दी से गर्म स्थान पर ले जाया जाता है। अचानक से बदले वातावरण के कारण परेशानी बढ़ जाती है। वहीं कुछ लोग छोटे बच्चों को लेकर कंडे आदि जलाकर आग के पास बैठ जाते हैं। धुंए के कारण सांस लेने में परेशानी होती है या फिर सुगंधित अगरवत्ती, धूपवत्ती, रूम फ्रेशनर आदि का उपयोग करते हैं। बच्चों के बीच इस तरह की गलती न करें, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो। ठंड से बचाव करें इसलिए गर्म पकड़े पहनाएं पर अचानक से बिस्तर से निकलकर खुले में न जाएं।
श्वास नली में सूजन से आती है समस्या
ब्रोंकाइटिस में श्वास नलियां (ब्रोंकियल ट्यून्स) या मुंह-नाक और फेफड़ों के बीच के हवा के मार्ग में सूजन आ जाती है। ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों को फेफड़ों में हवा और आक्सीजन लेने की क्षमता कम हो जाती है। यह सूजन वायरस, बैक्टीरिया, धूम्रपान करने या रसायनिक प्रदूषण या धूल में सांस लेने के कारण हो सकती है। जब श्वास नलियों की लाइनिंग के ऊतक की कोशिकाएं एक निश्चित मात्रा से ज्यादा उत्तेजक हो जाती हैं तो उनके भीतर मौजूद छोटे बाल (सिलिया), जो आमतौर पर प्रदूषित पदार्थों को रोकते हैं, काम करना बंद कर देते हैं, जिससे श्वास नालियां बलगम से भरकर और अधिक उत्तेजक हो जाती हैं। ब्रोंकाइटिस से पीड़ित को अक्सर गाढ़े बलगम वाली खांसी होती है। ऐसा होने पर डाक्टर से परामर्श करना चाहिए।
Posted By: anil.tomar
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