ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। एक से अधिक अस्पतालों में डाक्टरों के दस्तावेज लगे होने को लेकर डाक्टर ही अचरज में हैं। डाक्टरों का कहना है कि उन्होंने दस्तावेज दिए ही नहीं फिर उनके दस्तावेज एक से अधिक अस्पतालों में कैसे लगाए गए। इसको लेकर उन्होंने सीएमएचओ डा.मनीष शर्मा से शिकायत की है। इधर स्वास्थ्य विभाग ने भी अस्पतालों से उनके स्टाफ की सूची मांगी है। अब सवाल यह उठता है कि बिना जांच के आखिर स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टर व उनके दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किए बिना ही अस्पतालों को खोलने की इजाजत कैसे दे दी। स्वास्थ्य विभाग की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी वैसे ही गड़बड़ी करने वालों का कारनामा सामने आएगा। पिछले दो सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग की जांच कुछ खास नहीं कर सकी है।
किस अस्पताल में कौन से डाक्टर के लगाए गए दस्तावेज
डाक्टर रजिस्ट्रेशन अस्पताल
डा.अनिल राठौर 7356 एमडी हास्पिटल, भारत हास्पिटल
डा.प्रतिभा पाठक 5870 टाइम हास्पिटल, भारत हास्पिटल
डा.आफताब आलम 8448 परिवार हास्पिटल,सेंट्रल हास्पिटल, पृथ्वी हास्पिटल, इनमें जन्म तिथि 24.11.1980
डा.आफताब आलम 33112 जय भारत हास्पिटल, जन्म तिथि 1.7.1984
डा.आफताब आलम 676767 न्यू सुंदरम हास्पिटल, श्री शिवाय, हास्पिटल, ग्लोबल हास्पिटल
डा.विश्नू कुमार 12332 पृथ्वी हास्पिटल,सेंट्रल हास्पिटल जन्म तिथि 8.9.1944, पंजीयन एमबीबीएस में बताया
डा.विश्नू कुमार 21451 जय भारत अस्पताल, जन्म तिथि 6.4.1994
डा.विश्नू कुमार 22565 न्यू सुंदरम हास्पिटल, शिवाय हास्पिटल, ग्लोबल में जन्म तिथि 8.9.1944, पंजीयन एमबीबीएस में
डा. विश्नू कुमार 12332 ग्वालियर हास्पिटल जन्मतिथि 8.9.1944, एमडी पैथोलाजी लिखा और बताया एमडी मेडिसिन
डाक्टर एक या पंजीयन अनेकः डा.आफताब आलम का नाम अलग-अलग सात अस्पतालों में दर्ज है। इनमें से कुछ अस्पतालों में पंजीयन नंबर समान है तो कुछ में अलग-अलग हैं। जिनमें जन्म तिथि भी अलग लिखी गई है। जांच का विषय यह है कि एक डाक्टर के अनेक पंजीयन या फिर तीन नाम के आगे अलग जन्मतिथि। इसी तरह से डा.विश्नू कुमार के नाम भी सात अस्पतालों में दर्ज है। यहां पर भी यही हाल है और कहीं पर एमबीबीएस बताया गया तो कहीं पर एमडी पैथोलाजी व आगे एमडी मेडिसिन भी लिखा है, जो बड़ी गड़बड़ी को बताता है। यह पूरा मामला बिना स्वास्थ्य विभाग की साठगांठ के मुमकिन नहीं हो सकता है। जिसकी जांच को लेकर सभी अपने हाथ पीछे की ओर खींच रहे हैं।
इन्होंने दर्ज कराई स्वास्थ्य विभाग में शिकायतः केडीजी हास्पिटल के डा.राघवेंद्र शर्मा, डा.अनुराधा तिवारी, डा.ओपी जाटव सहित कई डाक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग में शिकायत की है। इनका कहना था कि इनके दस्तावेज जिन अस्पतालों में लगाए गए हैं वहां उन्होंने अपने दस्तावेज लगाने की अनुमति दी ही नहीं है। बिना उन्हें सूचना दिए निजी अस्पतालों में उनके दस्तावेज लगा दिए गए हैं, जिसकी जांच की जानी चाहिए और हकीकत सामने आनी चाहिए।
एक से अधिक अस्पतालों में स्थाई सेवा दे रहे डाक्टरः डाक्टर एक से अधिक अस्पतालों में स्थाई सेवा दे रहे हैं। डाक्टर संध्या गुप्ता के दस्तावेज सात अस्पतालों में लगे हैं, जबकि डा.प्रतिभा, डा.अनुराधा और डा.अनिल के दस्तावेज दो से चार अस्पताल में लगे हुए हैं। यही नहीं पहले भी कई बड़े संस्थानों के डाक्टरों के नाम एक से अधिक अस्पतालों में स्थाई सेवा के नाम पर लगाए गए, जबकि कई डाक्टरों को पता ही नहीं कि उनके दस्तावेज किन-किन अस्पतालों में लगाए गए हैं।
वर्जन-
मामले की जांच की जा रही है, सभी अस्पतालों से स्टाफ की जानकारी मांगी गई है । कुछ अस्पतालों ने दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। कुछ चिकित्सकों की शिकायत भी मिली है कि उनकी बिना अनुमति के दस्तावेजों का उपयोग हुआ है। इन्हीं सब बिंदुओं पर जांच की जा रही है। जहां पर जिसकी लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ सख्त एक्शन जांच पूरी होने पर लिया जाएगा।
डा.मनीष शर्मा, सीएमएचओ
Posted By: vikash.pandey
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