- डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए लिया फैसला
ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जीवाजी विश्वविद्यालय ने डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। गोपनीय व परीक्षा के चार्ट से नंबरों का मिलान करना होगा। चार्टों के पन्नों की भी स्थिति देखनी होगी कि कोई टेंपरिंग तो नहीं की गई है। मार्कशीट बनाने के लिए नोटशीट पर आदेश कराने होंगे। उसके बाद ही आगे की कार्रवाई कर सकेंगे। डुप्लीकेट मार्कशीट बनवाने के दौरान बड़ी गड़बड़ियां की जा रही थीं, जिसे रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है।
जीवाजी विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में डुप्लीकेट मार्कशीट बनाने के आवेदन आते हैं। डुप्लीकेट मार्कशीट बनाने के दौरान ही बड़े फर्जीवाड़े किए जा रहे थे। चार्ट के पेज बदल दिए जाते थे और हाथ से नंबर चढ़ा दिए जाते थे। मेडीकल शाखा में इस तरह के फर्जीवाड़े अधिक किए गए हैं। बीएससी नर्सिंग चतुर्थ 2019 की फर्जी मार्कशीटें तैयार की गई थीं। इसके बाद बीएचएमएस का मामला सामने आया। जांच में और भी मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें नंबरों में बदलाव करते समय नियमों का पालन नहीं किया गया। किसने बदलाव किया है, उसकी भी जानकारी नहीं है। इसके चलते डुप्लीकेट मार्कशीट में व्यवस्था बदली है। गोपनीय व परीक्षा विभाग में अलग-अलग चार्ट रखे जाते हैं। एक चार्ट में मिलान कर मार्कशीट जारी कर दी जाती थी। गोपनीय व परीक्षा के चार्टों से मिलान करना होगा। परीक्षा नियंत्रक डीएन गोस्वामी का कहना है कि दोनों जगहों से मिलान किए जाने से गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
Posted By: anil.tomar