Education in Abroad: विक्रम सिंह तोमर.ग्वालियर। एक समय था जब शहर से गिने-चुने स्टूडेंट ही विदेश में पढ़ाई करने जाते थे, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब पढ़ाई-लिखाई के मामले में ग्वालियर के युवाओं का रुझान विदेश की ओर बढ़ा है। पिछले एक साल का आंकड़ा देखें तो शहर के लगभग 1000 छात्र पढ़ाई के लिए विदेश की उड़ान भर चुके हैं। खासतौर पर मेनेजमेंट और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले छात्र सबसे ज्यादा कनाडा की ओर जा रहे हैं।
ग्वालियर में कुछ छात्र ग्रेजुएशन करने के बाद हायर स्टडी के लिए विदेश जाते हैं तो कुछ छात्र ऐसे हैं जो 12वीं के बाद ही डिप्लोमा करने के लिए विदेश रवाना हो जाते हैं। कुछ युवा ऐसे भी हैं जो अपने शौक से जुड़े कोर्स करने के लिए भी विदेश जा पहुंचते हैं। पढ़ाई के लिए अन्य देशों में इंट्री लेना आसान नहीं होता है, छात्रों को इसके लिए आइलेट्स की परीक्षा उत्तीर्ण करना होती है। परीक्षा में मिले बैंड्स निर्धारित करते हैं कि छात्र को उस देश में इंट्री मिलेगी भी या नहीं।
डिप्लोमा के लिए कनाडा तो डिग्री
शहर के जिन छात्रों को मैनेजमेंट और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा करना होता है वह कनाडा जाना पसंद करते हैं। वहीं जिन्हें ग्रेजुएशन के बाद मास्टर्स डिग्री करना होती है वे इंग्लैंड की फ्लाइट पकड़ लेते हैं। इसके अलावा छात्र अपनी प्राथमिकता के आधार पर आस्ट्रेलिया और अमेरिका भी जाना पसंद कर रहे हैं।
छात्र विदेश जाने से पहले कालेज का लें फीडबैक
द्यशहर के सैकड़ों छात्रों को आइलेट्स के माध्यम से विदेश भेजने वाले मनदीप सिंह बताते हैं कि अक्सर छात्र काउंसलरों और एजेंटों की बातों में आकर गलत देश का चयन कर लेते हैं। उन्हें सबसे पहले जिस कालेज में एडमिशन लेना है उनकी वेबसाइट का पूरा फीडबैक लेना चाहिए। ध्यान रखें कि जिन आशाओं के साथ वह पढ़ाई करने विदेश जा रहे हैं वह पूरी हो भी रही हैं या नहीं।
क्या होते हैं बैंड्स: विदेश में पढ़ने के लिए छात्रों को आइलेट्स एग्जाम पास करना होता है। इस एग्जाम में नंबर की जगह बैंड्स के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जाता है।
इन बातों का रखें ख्याल
1. आप जिस विषय के छात्र हैं, उसी में आगे पढ़ाई के लिए वीजा आवेदन करें। जैसे- साइंस का कोई छात्र आर्ट्स विषय में पढ़ाई के लिए विदेश जाने आवेदन न करे, वीजा रिजेक्ट हो सकता है।
2. छात्र के परिजन अपना इनकम टैक्स रिटर्न समय पर जमा करें और सिविल स्कोर को बेहतर रखें।
3. छात्र विशेष रूप से ध्यान रखें कि जिस कालेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए वह विदेश जा रहे हैं, उसमें पोस्ट स्टडी वर्क परमिट मिलता है अथवा नहीं।
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