ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर को साफ रखने एवं धूल मुक्त रखने की जिम्मेदारी निगम के झाडू लगाने वाले सफाई मित्रों एवं कचरा उठाने वाले सफाई मित्रों पर है। लेकिन नगर निगम में कचरा एकत्रित करने के लिए बनाए गए हाथ ठेले टूट चुके हैं, इसके कारण कर्मचारियों को कचरा एकत्रित करने में परेशानी होती है। यहीं कारण है कि जगह-जगह झाडू लगने के बाद कचरे की ढेरियां पड़ी रह जाती हैं, जो कि वापस एक दो घंटे में शहर की सड़कों पर धूल उड़ाती नजर आती है।

शहर की सफाई व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए नगर निगम दो प्रकार से सफाई करता है, पहला है गली मोहल्लों, कालोनियों की सड़कों पर झाडू लगाकर कचरा एवं धूल साफ करते हैं, इनके साथ ही कचरा एकत्रित करने के लिए ठेला लेकर चलने वाला कर्मचारी होता है। यह हाथ ठेला लेकर चलता है और सड़क, नाली, गली,मोहल्ले से कचरा एकत्रित करता हुआ आता है। लेकिन निगम के अधिकांश हाथ ठेले टूट चुके हैं। किसी में एक पहिया नहीं है तो कोई नीचे से टूटा हुआ है। इसके कारण कचरा एकत्रित नहीं हो पाता है। शहर को साफ रखने के लिए बाजारों में दो बार झाडू लगाई जाती है। इसके चलते सुबह की शिफ्ट में काम करने वाले कर्मचारी मार्केट एवं बाजारों में सुबह झाडू लगाकर कचरा एकत्रित कर लेते हैं। इसके बाद शाम से लेकर रात 10 बजे तक मार्केटों में झाडू लगाकर सफाई की जाती है। जिससे रात के समय ही बाजारों से निकले कचरे को एकत्रित किया जा सके। वहीं रहवासी क्षेत्रों में सुबह से लेकर दोपहर तक झाडू लगाई जाती है। रहवासी क्षेत्रों में एक बार झाडू लगती है। झाडू लगाने के दौरान निकले कचरे को हाथ ठेले से एकत्रित किया जाता है। टूटे ठेले होने के कारण कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

Posted By: anil.tomar

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