
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। हाईवे पर पुलिस बनकर ट्रक और डंपर चालकों से वसूली करने के साथ ही पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाला शातिर गिरोह ग्वालियर पुलिस के हत्थे चढ़ा है। पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो असली जैसी पुलिस वर्दी पहनकर नकली चेकिंग प्वाइंट लगाते थे और वाहन चालकों से रुपये वसूलते थे।
शिकायत का बाद जांच शुरू
मामला तब सामने आया जब ग्वालियर के एक दुकानदार की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की। रजिस्ट्रार कार्यालय के पास लीगल हाउस नामक दुकान चलाने वाले वैभव पाल ने बताया कि उसकी दुकान पर एक युवक स्कार्पियो कार से पहुंचा और खुद को मध्यप्रदेश पुलिस में दारोगा बताया। उसने कहा कि वह ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थ है और उसे कुछ नियुक्ति पत्र टाइप करवाने हैं। उसने जबरन वे पत्र टाइप करवाए और बाद में अपने तीन साथियों को भी वहां भेजा।
वैभव को शक हुआ कि कोई फर्जीवाड़ा हो रहा है, क्योंकि सरकारी दफ्तर के दस्तावेज उसकी दुकान से टाइप करवाना असामान्य था। उसने पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की। मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन ट्रेस की गई और बुधवार शाम चारों आरोपियों को पकड़ लिया गया। उनके पास से पुलिस की वर्दी, फर्जी पहचान पत्र और नकली नियुक्ति पत्र बरामद किए गए।
आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शिवम चतुर्वेदी निवासी छुल्ला (गड़कोटा, सागर), पवन यादव, नीरज यादव और रविंद्र यादव (सभी निवासी गड़ोली, सागर) के रूप में हुई है। इनमें से शिवम चतुर्वेदी इस गैंग का सरगना है और उस पर पहले से दमोह में चोरी का मामला दर्ज है।
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गैंग रात में वर्दी पहनकर हाईवे पर निकलता था और खुद को कभी पुलिस निरीक्षक, तो कभी आरटीओ अधिकारी बताकर ट्रक और डंपर चालकों से वसूली करता था। साथ ही लोगों को पुलिस में नौकरी लगवाने के नाम पर भी ठगता था।
क्राइम ब्रांच ने बताया कि गिरोह लंबे समय से इस तरह की ठगी कर रहा था। फिलहाल चारों से पूछताछ जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन्होंने अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाया।