Geological Museum in Gwalior: प्रियंक शर्मा.ग्वालियर। शहर के महाराज बाड़ा की ऐतिहासिक इमारत विक्टोरिया मार्केट में लोकल से लेकर ग्लोबल सैलानियों को लुभाने के लिए एक नई सौगात तैयार हो गई है। यहां 32 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे जियोलाजिकल म्यूजियम की पहली गैलरी के सात एनक्लेव में रोमांचित कर देने वाले वर्चुअल गेम्स से लेकर जानकारियां मौजूद हैं। यहां हथौड़ा मारकर लावा उछालने से लेकर भूकंप का अनुभव कराने वाला प्लेटफार्म तैयार किया गया है। इसके अलावा थ्रीडी तकनीक से ज्वालामुखी विस्फोट का भी अनुभव किया जा सकता है।

जियोलाजीकल म्यूजियम में ये मिलेंगी जानकारियां

- थ्रीडी माडल्स के लिए पृथ्वी के क्रमिक विकास को समझाया जाएगा। इसमें पृथ्वी के जन्म से लेकर बेसाल्ट से भरी पृथ्वी, जल के प्रमाण, ग्रेनाइट का विकास, खनिज उत्पत्ति, हिमयुग से लेकर वर्तमान पृथ्वी कैसे बनी, यह बताया जाएगा।

- पैंजिया एक मिथ या हकीकत के माध्यम से जानकारी दी जाएगी कि वर्षों पहले सारे उपमहाद्वीप आपस में जुड़े हुए थे। इस सुपर कान्टिनेंट को ही पैंजिया कहा जाता था।

-. समुद्र के भीतर होने वाली भू-गर्भीय गतिविधियों की भी जानकारी थ्रीडी रूप में मिल सकेगी।

- इसके अलावा विभिन्न ज्वालामुखी से निकला लावा जो कालांतर में ठोस पत्थर में बदल गया, उन्हें भी यहां प्रदर्शन के लिए रखा गया है।

- प्रशांत महासागर के पास स्थित रिंग आफ फायर क्षेत्र की भी जानकारी सैलानियों को मिलेगी, क्योंकि यहां सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं।

- टच स्क्रीन के माध्यम से सैलानी पता कर सकते हैं कि क्यों कांपती हैं धरती।

सैलानियों को ये करेंगे आकर्षित

- यहां सैलानी खेल-खेल में ही भू-गर्भीय गतिविधियों को प्रैक्टिकली समझ सकते हैं। दरअसल, यहां थ्रीडी ज्वालामुखी तैयार कराया गया है। स्क्रीन पर टच करते ही ज्वालामुखी के विस्फोट को देखा जा सकेगा।

- इसके अलावा पहली गैलरी में प्रवेश करते ही घूमती हुई पृथ्वी का माडल भी लगाया गया है। इसमें लीवर घुमाकर पृथ्वी के केंद्र को देखा जा सकता है।

- एक वाइब्रेटिंग प्लेटफार्म के जरिए विभिन्न रेक्टर स्केल के भूकंप का अनुभव किया जा सकता है। इस प्लेटफार्म के सामने एक डिजिटल और एनालोग सिस्मोग्राफ भी लगाया गया है, जो भूकंप की तीव्रता दिखाता है।

Posted By: anil tomar

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