Gold-silver Price hike News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। बजट में सोने चांदी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ने की खबर ने सोने चांदी के दाम ने उछाल मार दिया। जिसका असर ग्राहकी पर पड़ा और गहनों की बिक्री घट गई। यह देख दूसरे दिन ही सोने चांदी के दाम फिर से टूट गए। सोना चांदी कारोबारी इसे कृतिम महंगाई बता रहे है। कारोबारियों का कहना है कि कस्टम ड्यूटी बढ़ने की खबर ने खरीदार बाजार में आ गए जिससे दाम बढ़े। लेकिन यह खरीदार कम समय के लिए ही होते हैं। जैसे ही इन खरीदारों ने खरीद बंद की तो दाम फिर नीचे आ गए। सोना चांदी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जैन का कहना है कि सोने व चांदी के दाम जितने बढ़े थे उससे अधिक टूट गए। इसका लाभ सहालग में असल खरीदारों को मिलेगा।
71 हजार पर चांदी व 60 हजार पहुंचा था सोना
सोना चांदी कारोबारी पुरुषोत्तम जैन का कहना है कि बुधवार को बजट में कस्टम ड्यूटी बढ़ाने की घोषणा हुई। वैसे ही सोने चांदी के दाम में तेजी आ गई। गुरुवार को चांदी प्रति किलो 71 हजार पर जा पहुंची थी और दस ग्राम सोने का भाव 60 हजार तक पहुंच चुका था। लेकिन शुक्रवार को सुबह से ही चांदी व सोने के दाम टूटना शुरू हो गए। चांदी अब 68 हजार रुपये प्रतिकिलो और दस ग्राम सोना का भाव 57900 पर आ चुका है।
दाम बढ़ने पर घट जाती ग्राहकी
सोना चांदी कारोबारी राम दोंडिया का कहना है कि सोना-चांदी का दाम बढ़ने पर ग्राहकी घट जाती है। ग्राहक सोना व चांदी के गहने से लेकर बिस्कुट तक बचत के उद्देश्य से खरीदता है। इसलिए अधिक दाम बढ़े होने पर ग्राहक भी जानता है कि आगे चलकर सोना चांदी सस्ता भी होगा ऐसे में उसे डवल नुकसान होगा। क्योंकि गहनों की बिकवाली पर बनवाई का पैसा नहीं मिलता और टांका का पैसा कटता है। इसलिए जब सोना चांदी के दाम सस्ते होता है तो आमजन भी खरीदार बन जाता है और लोग बचत के उद्देश्य से गहने व ठोस सोना भी खरीद लेा है।
मुंबई के एंटिक व टर्किस कलेक्शन की मांग
सहलग के चलते इन दिनों गहनों की दुकानों पर खरीदारों की भीड़ लगी हुई है। जो नए नए डिजाइन के गहने अपने बजट में खरीदना चाहते हैं। स्वर्णा ज्वैलर्स के संचालक अखिलेश गोयल का कहना है कि इस समय 18 से 22 कैरेट के गहनों की मांग है। इसमें भी हल्के व जाली दार गहनों को लोग पसंद कर रहे हैं क्योंकि यह दिखने वाले बड़े लगते है पर बजन कम होता है। इस समय दिल्ली,मुंबई और टर्किस कलेक्शन लोग अधिक पसंद कर रहे हैं।
Posted By: anil tomar
- Font Size
- Close