ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। सरकारी डाक्टरों के द्वारा मरीजों की दलाली की जा रही है। यह डाक्टर सरकारी अस्प्ताल से मरीजों को निजी अस्पताल में शिफ्ट कर मोटा मुनाफा कमाते है। स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में तैनात डा अनीता श्रीवास्ताव जिला अस्पताल से मरीजों को निजी अस्पताल में पहुंचाती है। जिसका जीता जागता प्रमाण हाल ही में मिला है जिसमें सीएमएचओ ने रुद्राक्ष अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया और जांच में डा अनीता श्रीवास्तव के द्वारा इलाज देने की पुष्टी हुई है। गायनिक डाक्टर की शहर में काफी मांग है और जरुरत भी हैं।
ऐसे में डा अनीता श्रीवास्तव को स्वासथ्य प्रबंधन संस्थान से निकालकर सिहल अस्पताल हजीरा बैठाना चाहिए जहां पर गायनिक डाक्टर की कमी है। इसके साथ ही मरीजों की दलाली व निजी अस्पताल में बिना सक्षम अधिकारी की परमिशन के इलाज देने पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इससे पहले बिरला जच्चाखाना की डा शालीन खान एसके मैमोरियल में आपरेशन से डिलेवरी कराई थी जिसमें महिला की मौत हो गई थी। हाल ही में जितेन्द्र शर्मा ने सीएमएचओ से शिकायत करते हुए कहा था कि प्रसव पीड़ा के चलते वह अपनी पत्नी प्राची शर्मा को मुरार प्रसूति गृह लेकर पहुंचे थे। जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉ. अनीता श्रीवास्तव ने उनकी पत्नी को आशा कार्यकर्ता पुष्पलता की मदद से मुरार स्थित रुद्राक्ष अस्पताल में भर्ती कराया। उक्त मामले की जांच में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा द्वारा अस्पताल संचालक को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी है। लेकिन डॉ. अनीता श्रीवास्तव पर अभी तक कोई कार्रवाई ही नहीं की गई। जबकि जांच रिपोर्ट में भी स्पष्ट हुआ है कि डॉ. अनीता द्वारा ही महिला का प्रसव कराने के लिए रुद्राक्ष में भर्ती कराया गया था। इस मामले में सबसे मजेदार बात तो यह है कि शिकायतकर्ता जितेन्द्र शर्मा ने पूर्व में सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा से भी मामले की शिकायत की थी। चूंकि डॉ. अनीता श्रीवास्तव क्षेत्रीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. आर पी सरल के अधीन स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान में पदस्थ हैं। इसलिए उन पर कार्रवाई करने के लिए पूर्व में दो बार क्षेत्रीय संयुक्त संचालक को पत्र भी भेजे जा चुके हैं। लेकिन डॉ. अनीता पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ नोटिस जारी किया गया है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इधर रुद्राक्ष अस्पताल के संचालक डॉ. संजीव शर्मा की जानकारी लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय को पत्र लिखा गया है। पत्र के माध्यम से सीएमएचओ ने पूछा है कि उक्त चिकित्सक अस्पताल का संचालन कर सकते हैं या नहीं। वहीं महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने भी पत्र छात्र शाखा में भेज कर जांच के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. संजीव महाविद्यालय के छात्र हैं और उनका नाम व्यापम मामले में भी आ चुका है।
Posted By: anil.tomar
- # Gwalior Health News
- # Gwalior Highlights
- # Gwalior Breaking News
- # Gwalior News
- # Gwalior
- # Gwalior Latest News
- # Gwalior Special News
- # ग्वालियर हेल्थ न्यूज
- # ग्वालियर हाइलाइट्स
- # ग्वालियर ब्रेकिंग न्यूज
- # ग्वालियर न्यूज
- # ग्वालियर
- # ग्वालियर ताजा