Gwalior Administration News: ग्वालियर (नप्र)। जिले के पुरानी छावनी वृत्त में नायब तहसीलदार का सरकारी जमीन को निजी दर्ज करने का कारनामा सामने आया है। नायब तहसीलदार ने छह बीघा तीन विस्वा सरकारी जमीन को निजी दर्ज कर दिया और कलेक्टर से लेकर एसडीएम तक किसी को भनक नहीं लगने दी। इस मामले में जब शिकायत हुई तो कलेक्टर के संज्ञान में मामला पहुंचा जिसके बाद नायब तहसीलदार ने दोबारा फाइल निजी से सरकारी दर्ज करने के लिए भेज दी। कलेक्टर ने जमीन को सरकारी दर्ज कराया और नायब तहसीलदार विजय त्यागी को नोटिस जारी किया। नोटिस के जवाब में विजय त्यागी ने गलती स्वीकारी और इसके बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के प्रतिवेदन पर संभागायुक्त दीपक सिंह ने नायब तहसीलदार को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।
विजय त्यागी ने 1996 की डिक्री को आधार मान दो पक्षों में एक पक्ष के नाम रिकार्ड में जमीन अमल कर दी थी। कलेक्टर के प्रतिवेदन में बताया गया है कि विजय त्यागी द्वारा उनके न्यायालय के प्रकरण में माननीय सिविल न्यायालय की डिक्री जो कि वर्ष 1996 की होकर एवं दो पक्षों के मध्य विवाद जिसमें शासन पक्षकार नहीं था। पक्षकार द्वारा शासन से कोई सहायता भी नहीं चाही गई थी, इसके आधार पर अभिलेख दुरुस्त कर ग्राम बरौआ नूराबाद ग्वालियर की भूमि सर्वे क्रमांक 654, 655, 666, 657, 658, 659-1 कुल रकबा 6 बीघा 3 बिस्वा शासकीय भूमि का अधिकारिता विहीन आदेश कर निजी भूमि में दर्ज किया गया है। इस प्रकरण में कलेक्टर से भी कोई अनुमति नहीं ली गई है।
इनके नाम किया था अमल
2021 में नायब तहसीलदार ने आदेश पारित कर दिया था और अमल अब डेढ़ माह पहले किया। यह अमल मंगीबाई बेवा विजय सिंह, कोक सिंह, सरनाम सिंह, राजेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह पुत्रगण विजय सिंह, निवासी ग्राम बरौआ नूराबाद के नाम किया। इस तरह की चालाकी: कालम नंबर तीन रिक्त था इसलिए जिन सर्वे नंबरों को सरकारी से निजी दर्ज किया गया है, यह जमीन पहले पट्टे पर 1995 से पहले दी गई थी इसके बाद पटटे निरस्त कर दिए गए, पटटे निरस्त होने की जानकारी खसरे में दर्ज है लेकिन कालम नंबर तीन में शासकीय स्पष्ट रूप से तत्कालीन पटवारी ने नही लिखा। कालम नंबर तीन में स्थिति स्पष्ट न होने पर कलेक्टर की स्वीकृति नहीं लगती इसलिए नायब तहसीलदार ने अपने स्तर पर अमल कर दिया। 1996 की डिक्री को 12 साल बीत जाने के बाद अमल नहीं किया जाना था लेकिन इस केस में कर दिया।
नायब तहसीलदार पुरानी छावनी विजय त्यागी द्वारा शासकीय जमीन को निजी दर्ज कर दिया गया, इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी गई थी। इसकी जानकारी जिला कलेक्टर को देकर स्वीकृति ली जाना चाहिए थी।
प्रदीप तोमर, एसडीएम,ग्वालियर सिटी
Posted By: anil tomar
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