Gwalior Business News: ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। चैंबर आफ कामर्स द्वारा बैठक का आयोजन शनिवार को चैंबर भवन में किया गया। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष विजय गोयल ने की। उन्होंने कहा कि माधव प्लाजा का अनुभव व्यापारियों के लिए काफी बुरा रहा है। ग्वालियर विकास प्राधिकरण को इसे बनाने से पहले एनओसी लेना चाहिए थी, जो कि नहीं ली गई। जिसके कारण इसमें बुकिंग कराने वाले हितग्राहियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बैठक में विस्तृत मांगों और सुझावों पर संभागीय कमिश्नर व जनप्रतिनिधियों से विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में संयुक्त अध्यक्ष प्रशांत गंगवाल ने कहा कि विगत दिवस हुई बैठक में चैंबर प्रतिनिधियों ने मांग की थी कि अब मध्यप्रदेश में रैरा लागू हो गया है और सभी प्रोजेक्ट इसके अंतर्गत आ चुके हैं तो रैरा के नियमानुसार माधव प्लाजा के हितग्राहियों के साथ व्यवहार होना चाहिए। जिन 150 से अधिक हितग्राहियों ने पार्ट पेमेंट जमा कराया है, उनसे जो ब्याज की मांग की जा रही है, वह गलत है। क्योंकि प्रोजेक्ट में देरी जीडीए के पास पर्याप्त एनओसी न होने के कारण हुई है। रैरा के नियमानुसार प्रोजेक्ट में देरी होने पर डेवलपर को हितग्राही को ब्याज देना होता, इसलिए जीडीए को हितग्राहियों से ब्याज लेना नहीं बल्कि देना चाहिए। साथ ही बैठक में मांग की गई थी कि मेंटेनेंस चार्ज के लिए एक साल का समय हितग्राही को देना चाहिए। साथ ही मानसेवी सचिव डा. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि हमें जीडीए से यह मांग करना चाहिए कि प्रोजेक्ट में देरी जीडीए के पास आवश्यक एनओसी न होने के चलते हुई है। इसलिए हम एक रुपया भी ब्याज नहीं देंगे। जीडीए को हमें रैरा के नियमानुसार ब्याज देना चाहिए। साथ ही मेंटनेंस चार्जेस दुकान की रजिस्ट्री होने के 6 माह अथवा ओपनिंग डेट जो पहले हो उसके अनुसार लिया जाना चाहिए।
हितग्राहियाें काे उठाना पड़ा नुकसानः कोषाध्यक्ष बसंत अग्रवाल ने कहा कि चूंकि रैरा में माधव प्लाजा प्रोजेक्ट आ गया है तो उस अनुसार ही सुविधाएं हितग्राहियों को जीडीए द्वारा प्रदान की जाना चाहिए। क्योंकि व्यापारियों ने अपनी रकम पहले जमा कर दी है और जीडीए द्वारा देरी होने पर हितग्राहियों को हानि उठाना पड़ी है। बैठक में माधव प्लाजा के हितग्राहियों ने एक राय होकर कहा कि हम जीडीए को एक रुपया भी ब्याज के रूप में नहीं देंगे, बल्कि जीडीए को प्रोजेक्ट में देरी होने के कारण हमें ब्याज देना चाहिए। मेंटेनेंस चार्जेज क्या हों और यह कब से लिया जाए इस पर हितग्राहियों से चर्चा हो और सर्वसम्मति बनने पर यह न्यूनतम लिया जाए। साथ ही रैरा की गाइडलाइन का पालन करते हुए ही रजिस्ट्री कराई जाएं एवं हितग्राहियों को पजेशन दिया जाए। हितग्राहियों की मांगों पर जब तक सहमति नहीं बनती है, हम माधव प्लाजा में नहीं जाएंगे। बैठक का संचालन मानसेवी सचिव डा. प्रवीण अग्रवाल द्वारा किया गया।
Posted By: vikash.pandey
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