- 1270 टेंपो, अवैध की संख्या भी बढ़ी, चौराहों पर लगा रहे भीड़, रूट का भी पालन नहीं कर रहे
- सिटी बस की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं टेंपो
Gwalior City Bus Service: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। सिटी बसों की राह में सबसे बड़ा रोड विक्रम टेंपो थे तो हटाया क्यों नहीं गया। हद क्यों तय नहीं की गई। शहर की हर सड़क और रूट पर इनका कब्जा और स्मार्ट सिटी की बसें बेबस क्यों खड़ी रह गईं। इन सवालों का जवाब सरकारी मशीनरी के पास नहीं है क्योंकि सब इनके सामने ही होता गया है। सबसे बड़ा जिम्मेदार परिवहन विभाग है, खुद आरटीओ के सामने तय संख्या से ज्यादा टेंपो दौड़ रहे हैं दिख नहीं रहे हैं। यही हालत पुलिस की है, बसों के पहिए चलें और सुगम यातायात मिले,विभागों को परवाह नहीं है। इधर जिले के चलाने वाले प्रशासन को भी कोई चिंता नहीं है। 1270 टेंपो को परमिट है लेकिन यह संख्या से ज्यादा बेधड़क दौड़ रहे हैं। हर विभाग के पास अपने अपने बहाने हैं लेकिन मैदान पर अमल किसी के पास नहीं है।
परिवहन विभाग ने हाई कोर्ट के आदेश पर प्रदेशभर में आटो रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया था। ग्वालियर में भी दो बार आटो रिक्शा के खिलाफ अभियान चलाया गया। जिसमें तीन हजार आटो रिक्शा अवैध पकड़ गए थे, जिनके पास न परमिट था ना ही फिटनेस। ग्रामीण क्षेत्र के भी आटो शहर में दौड़ने लगे थे। यही स्थिति अब टेंपो की होने लगी है। ग्रामीण रूट के टेंपो शहर में दौड़ने लगे हैं। गोला का मंदिर से महाराज बाड़ा, मुरार से महाराज बाड़ा के बीच इन टेंपो का कब्जा है। ये टेंपो शहर में सिटी को बस को चलने नहीं दे रहे।
इन रूटों का पालन नहीं: कोई रोकने वाला भी नहीं
- नौ नंबर टेंपो मुरार से कंपू के बीच चलता है। इस टेंपो का रूट गोविंदपुरी रोड से होते हुए कलेक्ट्रेट से वापस होते हुए कंपू जाने का है, लेकिन ये अलकापुरी चौराहे से हाई कोर्ट रोड पर टर्न हो रहे हैं। कलेक्ट्रेट नहीं पहुंच रहे हैं।
- महाराज बाड़े पर टेंपो को प्रतिबंधित कर दिया है। इन्हें गुढ़ा गुढ़ी का नाका का चक्कर लगाते हुए अपने निर्धारित मार्ग पर चलना है, लेकिन ये राक्सी पुल व कंपू से लौट रहे हैं।
- रूट का पालन नहीं किए जाने की वजह से सड़कों पर टेंपो की भीड़ दिखने लगी है। जो सवारियां बस में बैठ सकती हैं, उन्हें टेंपो चालक ले जाते हैं।
ई रिक्शा की भी भरमार
- शहर में ई रिक्शा की संख्या पांच हजार से ऊपर पहुंच गई है। इनके रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। इन्हें परमिट लेने की जरूरत नहीं है। टेंपो के साथ-साथ इनकी संख्या भी बढ़ी है। हर सड़क पर ई रिक्शा का भी कब्जा हो गया है। इनकी गति धीमी होने की वजह से जाम का कारण भी बन रहे हैं। सिटी बस के आगे ई रिक्शा आ जाता है तो सिटी बस की भी गति थम जाती है। गति धीमी होने से यात्री बस की ओर से रुख नहीं करते हैं।
शहर के वाहनों पर एक नजर
विक्रम टेंपो-1270
आटोरिक्शा-8925
सिटी बसों के संचालन में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए पुलिस सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है। समय समय पर कार्रवाई भी की जाती है, परिवहन विभाग के साथ संयुक्त तौर पर चर्चा कर कार्रवाई की जाएगी।
अमित सांघी,एसएसपी,ग्वालियर
आटो की जांच की हमारी भी जिम्मेदरी है, लेकिन हमारे पास स्टाफ नहीं हैं। शहर में यातायात व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की होती है। पुलिस हर चौराहे पर मौजूद रहती है। पुलिस को भी टेंपो का परमिट जांच करने का अधिकार है। जो अवैध चल रहे हैं, उन्हें जब्त भी कर सकते हैं।
एचके सिंह, आरटीओ
शहर में टेंपो की संख्या निर्धारित है, लेकिन ई रिक्शा लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ये शहर में जाम का नया कारण बन रहे हैं। इनके रजिस्ट्रेशन को बंद करने के लिए बैठकों में मुद्दा उठा चुके हैं, लेकिन परिवहन विभाग ने रजिस्ट्रेशन रोकने से इनकार कर दिया है। ई रिक्शा बसों के लिए बड़ी समस्या हैं।
नरेश अन्नोटिया, डीएसपी ट्रैफिक
Posted By: anil tomar
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