Gwalior council meeting News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नगर निगम परिषद की बैठक में गुरुवार को फाइलों के मुद्दे पर हंगामा हुआ। यह बैठक के एजेंडे के तय बिंदु में नहीं था। विपक्षी पार्षद ब्रजेश श्रीवास ने आरोप लगाए एमआइसी की बैठक में एयरपोर्ट के नाले की फाइल पर सदस्यों ने तब साइन किए, जब कांग्रेस विधायक (सतीश सिकरवार) ने निगमायुक्त से वादा ले लिया कि वह उनकी भी एक फाइल स्वीकृत करेंगे। इसी बीच विधायक प्रतिनिधि कल्लू दीक्षित ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर टिप्पणी की।

इस पर विपक्षी पार्षद भड़क गए। दोनों पक्षों के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। खींचातानी की नौबत आने पर सभापति मनोज तोमर को बैठक स्थगित करनी पड़ी। नेता प्रतिपक्ष हरिपाल ने आपत्ति जताकर कहा अगर परिषद में हम आउट सोर्स घोटाले की जांच में देरी का मुद्दा उठाते हैं तो सत्ता पक्ष तुरंत ही ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेना शुरू कर देता है। अगर ऐसा है तो विपक्ष भी कमल नाथ, सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लेना शुरू कर देगा। इससे पहले बैठक की शुरुआत में सफाई के मुद्दे पर चर्चा शुरू की गई। विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाए कि स्वच्छता के नाम पर खेल किया जा रहा है। शहर में 12 सीएंडडी कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं। हर कलेक्शन सेंटर की लागत 18 लाख रुपए है, लेकिन इसे सिर्फ फोटो खींचने के लिए बनाया गया है। यहां कोई कचरा नहीं है। वाल पेंटिंग के नाम पर वर्ष 2020 को 21, 2021 को 22 और 2022 को अब 23 कर दिया गया है। विशेष फर्मों को ही ठेका दिया जा रहा है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस पर सभापति ने आदेश दिया कि स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए वर्ष 2020-2021 एवं 2021-2022 में किए गए खर्च की जानकारी एक माह में सदन में प्रस्तुत की जाए।

15 दिन में दें आउट सोर्स घोटाले की जांच रिपोर्ट

15 दिन में दें आउटसोर्स घोटाले की जांच रिपोर्ट बैठक में आउट सोर्स घोटाले की जांच के मुद्दे पर विपक्ष हमलावर नजर आया। एमआइसी सदस्य अवधेश कौरव ने कहा समिति किसी एक नहीं, बल्कि 1300 कर्मचारियों की जांच कर रही है। इसके चलते समय लग रहा है। जल्द ही जांच रिपोर्ट पटल पर प्रस्तुत की जाएगी। इस पर सभापति ने निर्देश दिए अभी तक की गई जांच की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर सदन में प्रस्तुत की जाए। इससे पहले डामर सड़क निर्माण पर पार्षदों ने अधिकारियों पर निशाना साधा कि ठेकेदारों के आगे अधिकारी बेबस हैं। 40 से 50 प्रतिशत कम रेट पर ठेके लिए जा रहे हैं। ऐसे में गुणवत्ता कैसे मिल पाएगी।

पार्षद एक सुर में बोले-कम हैं सफाई कर्मचारी

विपक्ष के पार्षदों ने सफाई कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया। पार्षदों का कहना था, जो सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं, उन पर अत्याचार हो रहा है। क्योंकि उनसे ही सारे काम कराए जा रहे हैं। इसके बावजूद कई बीट खाली पड़ी हुई हैं। इसके चलते कचरे के ढेर लगे रहते हैं। सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी सुर में सुर मिलाते हुए कहा सफाई कर्मचारियों की कमी है। प्रत्येक वार्ड में अतिरिक्त कर्मचारी उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा कचरा कलेक्शन में लगाई गई गाड़ियों और हाथ ठेलों की बदहाली पर भी पार्षदों ने चर्चा की। इस पर सभापति मनोज तोमर ने आसंदी से आदेश दिए कि सभी वार्डों में कचरा स्थान को समाप्त किया जाए। जिन वार्डों में हाथ ठेला पर कचरे डब्बे टूटे हुए हों उनको तत्काल बदला जाए और नाला नालियों की सफाई के उपरांत निकाली गई सिल्ट को तत्काल उठवाया जाए। इसके साथ ही सभी पार्षदों को उनके वार्ड में पदस्थ सफाई कर्मियों की लिस्ट दी जाए।

Posted By: anil tomar

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