Gwalior Court News: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। अपर सत्र न्यायालय ने गुरुवार को उस दावे की सुनवाई होगी।, जिसमें केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट (वादी) ने एजी आफिस पुल की जमीन का मुआवजा मांगा है। इस दावे का प्रशासन को मूल दावे का जवाब देना है। 10 मार्च को कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पुल की जमीन को शासकीय मानते हुए ट्रस्ट का स्थगन (स्टे) के आवेदन को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मामला जनहित से जुड़ा है। इसलिए स्थगन दिया जाना उचित नहीं है।

क्या है मामला

कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने एजी अाफिस पुल का मुआवजा मांगा है। ट्रस्ट की ओर से 4 जून 2018 में जिला न्यायालय में मुआवजे का दावा पेश किया है, उसे पेश करने के लिए सिंधिया ने ट्रस्ट के सचिव विजय सिंह फालके को अधिकृत किया है। दावे में तर्क दिया है कि वादी की भूमि पर शासन ने रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कर दिया गया है। वादी की भूमि पर अतिक्रमण शासन ने निर्माण किया है। लोक निर्माण विभाग ने जो सड़क का निर्माण किया है। उसमें निजी भूमि भी चली गई है। इसलिए इस जमीन का अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिससे जमीन का मुआवजा मिल सके। वादगस्त भूमि का 7 करोड़ 55 हजार रुपए 12 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाया जाए। वाद में तर्क दिया है कि 31 दिसंबर 1971 को विजयराजे सिंधिया ने ट्रस्ट का गठन किया था। विजयराजे सिंधिया ने वादग्रस्त भूमि ट्रस्ट को दी थी। इस ट्रस्ट की चैयरमेन माधवीराजे सिंधिया हैं। ट्रस्टी के पद पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं। प्रशासन को इस मूल दावे का जवाब देना है।

Posted By: anil tomar

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