Gwalior Court News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अपर सत्र न्यायालय ने डा एएस भल्ला के उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें पांच लोगों को खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि फारुख के खिलाफ अभी जांच चल रही है। ऐसी स्थिति में परिवाद दर्ज करने का पर्याप्त आधार नहीं है।
डा भल्ला ने अपील में तर्क दिया कि उसे कश्मीर के बारामूला से साधारण डाक से एक पत्र प्राप्त हुआ। इस पत्र उर्दू में लिखा हुआ था। जिसका अनुवाद कराया गया। इसमें लिखा था कि अपने कदम वापस ले लो, नहीं तो जिंदा वापस नहीं जाएंगे। अपीलार्थी ने अर्चना डालमिया, अभिषेक दत्त, साजिद एम वांडे के खिलाफ पुरानी छावनी थाने में गबन का मामला दर्ज कराया था। अभिषेक दत्त ने अपीलार्थी के खिलाफ लाजपतनगर थाना दिल्ली में केस दर्ज कराया था। अपीलार्थी के खिलाफ बारामूला में एक मानहानि का दावा भी चल रहा है। इस दावे में उन्हें उपस्थित होना है। पुरानी छावनी के केस को वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा है। यदि बारामूला जाते हैं तो उनकी हत्या कराई जा सकती है। इसलिए अभिषेक दत्त, साजिद एम वांडे, आयशा दत्त, अर्चना डालमिया फारूक अहमद के खिलाफ केस दर्ज किया जाए। झांसी रोड थाने में भी दिया था, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की है। कोर्ट ने इस मामले में स्टेट्स रिपोर्ट मांगी। पुलिस ने बताया कि अब्दुल के खिलाफ जांच चल रही है। इस कारण कोर्ट ने अपील खारिज कर दी।
अब महाधिवक्ता कार्यालय में लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी
हाई कोर्ट स्थित महाधिवक्ता कार्यालय में कार्य करने वाले विधि अधिकारी (शासकीय अधिवक्ता) व कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी। यदि बायोमेट्रिक हाजिरी नहीं लगाते हैं तो वेतन कट जाएगा। इसके लिए कार्यालय में मशीनें लगाई जा चुकी हैं। महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने यह आदेश जारी किया है। महाधिवक्ता कार्यालय में हाजिरी का कोई सिस्टम नहीं था। कभी भी आकर हस्ताक्षर किए जा रहे थे। हस्ताक्षर करने के बाद विधि अधिकारी कहीं भी चले जाते थे। इसके चलते बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू की गई है। अब आफिस में आने व जाने के वक्त बायोमेट्रिक हाजिरी लगानी होगी।
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