Gwalior Court News: ग्वालियर . नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट ने चार थाना प्रभारियों सहित 14 पुलिस कर्मियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने यह नोटिस यतेन्द्र सिंह चौधरी की याचिका पर दिए हैं।। यतेंद्र सिंह ने अधिवक्ता जितेंद्र सिंह राठौर के माध्यम से एक आवेदन न्यायालय में पेश कर सीआरपीसी की धारा 156 तीन के तहत कार्रवाई का निवेदन किया है। पूरे मामले के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज किया जाए। इसमें आरोपियों के खिलाफ पुलिस को एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच कराने का निवेदन किया गया है। न्यायालय ने प्रतिवादी घनश्याम जाट, अनिल राजावत, संतोश भदौरिया, जितेन्द्र सिंह तोमर, लोकेन्द्र राजावत, रामसहाय यादव, अंजनी चंदेल, राहुल यादव सभी आरक्षक, सत्यवीर जाटव एएसआइ, टीआइ जितेन्द्र, राजेंद्र बर्मन, संजू कामले, सुदेश तिवारी, आलोक परिहार सभी थाना प्रभारी को नोटिस जारी किए हैं।
जानिए, क्या है पूरा मामला
बिरला नगर निवासी यतेन्द्र सिंह चौधरी ने धारा 452, 364, 364 ए, 365, 367, 368, 395, 397 भादंसं तथा 11 एवं 13 डकैती अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय में परिवाद पेश किया था। परिवादी यतेन्द्र चौधरी की ओर से कहा गया कि चार सितंबर 18 को रात 10.21 बजे अपने घर पर खाना खा रहा था। उसके घर में 8-10 लोग सिविल ड्रेस में जबरन घुसकर परिवादी व उसके भाईयों को मारने-पीटने लगे। परिवादी व उसकी पत्नी, उसके पिता गजेन्द्र सिंह उन्हें रोकने व बीच बचाव का प्रयास किया, लेकिन उनके ऊपर रिवाल्वर तान दी। घनश्याम जाट ने सिर पर रिवाल्वर लगा दी। एक व्यक्ति ने परिवादी के पिता गजेन्द्र सिंह को धक्का दे दिया। परिवादी की पत्नी के साथ भी आरोपियों ने धक्का-मुक्की की। आरोपित उसके भाइयों को घर से बाहर लाकर मारते हुए ले जाने लगे तभी पडौसी ने इन लोगों को पकट लिया। एक आरोपित ने परिवादी का पर्स भी छीन लिया। आरोपित उनके मोबाइल तथा जेबों में रखे पैसे भी ले गए। वहीं आरोपित उनकी कार को भी क्राइम ब्रांच थाने में ले गए। यहां परिवादी और उनके भाई की मारपीट की गई। यतेन्द्र को विश्विविद्यालय थाने में बंद कर दिया। जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने परिवादी को धारा 151 व आठ सितंबर 2018 को पुष्पेन्द्र व विनय परमार को आबकारी एक्ट में बंद करना बताते हुए न्यायालय में पेश किया गया। परिवादी ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की जिस पर न्यायालय ने एसपी को आवेदन देने और एसपी को 30 दिन में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जब हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुअा तो यतेंद्र ने अवमानना याचिका दायर की है।
Posted By: anil tomar