- सीबीआइ ने 60 लोगों के खिलाफ पेश किया था चालान, बुजुर्गों की अंत में होगी पेशी
Gwalior court News: ग्वालियर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। विशेष सत्र न्यायालय में 28 जनवरी को चिरायु मेडिकल कालेज के साथ मिलकर पीएमटी फर्जीवाड़ा करने वाले पांच आरोपितों की पेशी होगी। सबसे पहले पांच युवतियों को बुलाया गया है। बुजुर्गों की सबसे अंत में पेशी होगी। उम्र के हिसाब से पेशी निर्धारित की गई है। वहीं दूसरी ओर हाई कोर्ट में 6 आरोपितों की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित है। इन आरोपितों ने अंतरिम जमानत मांगी थी।
चिरायु मेडिकल कालेज के प्रबंधन ने वर्ष 2011 में सरकारी कोटे की एमबीबीएस की सीटों को गलत तरीके से रिक्त रखा और उन सीटों को बेच दिया। 47 सीटों पर गलत प्रवेश दिए थे। ऐसे विद्यार्थियों को प्रवेश दिया था, जिन्होंने काउंसिलिंग में भाग नहीं लिया था। इस मामले की पहले एसआइटी ने जांच की थी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मामला सीबीआइ को हैंडओवर हो गया था। सीबीआइ ने इस मामले की जांच खत्म करने में पांच साल लगा दिए। इस फर्जीवाड़े में शामिल 60 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था। सीबीआइ ने समन पर विशेष न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए थे, लेकिन आरोपितों ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। उन्होंने गुहार लगाई कि अधिकतर लोग कोविड-19 में ड्यूटी दे रहे थे। भीड़ में जाने पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। कुछ आरोपितों की उम्र भी अधिक है। हाई कोर्ट ने पांच-पांच आरोपितों को पेशी पर बुलाने के निर्देश दिए थे। कोर्ट के आदेश पर 28 जनवरी को पांच आरोपित बुलाए गए हैं। जिनमें नेहिल निगम, दीक्षा चाचरिया, फराह खान, प्रदन्या दिलीप कापदेव, वोल्गा कैथवार शामिल हैं। इन सभी की उम्र 26 साल है। एक फरवरी को 5 आरोपित बुलाए हैं, इनकी उम्र 27 साल है। सबसे अंत में अधिक उम्र वालों को उपस्थित होना है।
जाना पड़ सकता है जेल
चिरायु मेडिकल कालेज के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने वाले उन आरोपितों को अधिक चिंता है, जिनकी जमानत याचिका में हाई कोर्ट से अंतरिम आदेश नहीं हुआ है। बिना अंतरिम जमानत के उपस्थित होने पर जेल जाना पड़ेगा। कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए तो गिरफ्तारी वारंट जारी हो जाएगा।
पांच आरोपितों ने मांगी अंतरिम जमानत, फैसला सुरक्षित
बुधवार को पांच आरोपितों की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई थी। सीबीआइ की ओर से इनके जमानत आवेदन पर जवाब देने के लिए समय ले लिया, लेकिन आरोपितों के अधिवक्ताओं की ओर से तर्क दिया गया कि सीबीआइ का जवाब आने तक उन्हें अंतरिम जमानत दी जाए। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया। इन आरोपितों ने चिरायु मेडिकल कालेज के साथ मिलकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था।
Posted By: anil.tomar
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