- हाई कोर्ट के इस प्रस्ताव पर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने अधिवक्ताओं से मांगे सुझाव
Gwalior Court News: ग्वालियर. (नईदुनिया प्रतिनिधि)। हाई कोर्ट दो अहम फैसले लेने जा रहा रहा है। पहला हाई कोर्ट के कार्य के समय में आधा घंटे की बढ़ोतरी की की जाएगी। सप्ताह में एक ऐसा दिन निर्धारित किया जाएगा, जिस दिन अधिवक्ता केस की तारीख नहीं बढ़वायेंगे। उस दिन केस तैयारी कर बहस करेंगे। इन दोनों व्यवस्था को लागू करने से पहले इस बदलाव पर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे गए हैं। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने वकीलों से इन दोनों मामलों पर राय मांगी है। यदि वकील तैयार हो जाते है तो दोनों व्यवस्थाएं लागू हो जाएंगी। इससे हाई कोर्ट में लंबित पड़े केसों का निराकरण होगा।
वर्तमान में हाई कोर्ट में जजों की संख्या काफी कम है। हाई कोर्ट में लगातार केसों की संख्या बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की स्थिति देखी जाए तो 77 हजार 740 क्रिमनल व सिविल केस लंबित हैं। नए केस भी फाइल हो रहे हैं। इस कारण काजलिस्ट लंबी बन रही है, जिससे बड़ी संख्या में केस नोट रीच हो जाते हैं। एक बार केस नोट रीच होने से उसका नंबर देर से अाता है। यदि तारीख बढ़ जाती है तो केस सुनवाई में लंबे समय बाद आता है। एसे में पक्षकार को अपने केस की सुनवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
दोनों प्रस्ताव से यह आ सकता है बदलाव
-मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ हैं। उन्होंने अपना कार्यभार संभावने के बाद हाई कोर्ट कामजाद में अाधा घंटे का इजाफा किया था। सुबह 10:30 बजे की वजाए 10:15 से कोर्ट की शुरूवात की। दोपहर 1:30 बजे से 2:30 के बीच लंच टाइम होता था। लंच टाइम में 15 मिनट की कमी की। 2:15 से बैंच की शुरुवात की। आधा घंटे का प्रस्ताव है। आधा घंटे में औसतन पांच केस सुने जा सकते हैं।
- काजलिस्ट में जो केस लिस्ट होते हैं, कोई न कोई कारण बताकर केस की तारीख बढ़वा ली जाती है। एक दिन केस नहीं बढ़वाने की व्यवस्था होगी, उस दिन पेडेंसी में कमी आएगी।
इंटरनेट मीडिया पर व्यक्त की राय
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने दोनों प्रस्तावों का पत्र इंटरनेट मीडिया पर अपलोड किया। अधिवक्ताओं से सुझाव मांगे। अधिवक्ताओं की ओर से कहा गया है कि गर्मी व सर्दी की छुटिट्यों में कमी की जाए। सिर्फ रविवार व शनिवार की छुट्टी रहना चाहिए। छुट्टियों में कमी किए जाने पर केसों के निराकरण में तेजी आएगी।
ग्वालियर खंडपीठ में लंबित केसों की स्थिति
वर्ष सिविल क्रिमिनल
0-10 35565 22778
11-25 12528 6865
(हाई कोर्ट में क्रिमिनल व सिविल करीब 77 हजार 740 केस लंबित हैं)
प्रतिदिन केस निकारण की स्थिति
प्रतिदिन निराकरण: 57.89 फीसद
2022 में निराकरण: 76.44 फीसद
2021 में निराकरण 88.32 फीसद
इनका कहना है
- मुख्य न्यायाधीश की ओर से दो प्रस्ताव मिले थे। दोनों प्रस्तावों पर बार के सदस्यों से सुझाव मांगे हैं। अधिवक्ताओं के सुझाव आने के बाद चीफ जस्टिस को अवगत कराया जाएगा।
एमपीएस रघुवंशी, अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन
- स्टेट बार काउंसिल ने कमेटी बना दी है। यह कमेटी अधिवक्ताओं की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए अपने सुझाव देंगे। जल्द ही इस पर जबलपुर में बैठक करेंगे।
राजेश शुक्ला, सदस्य स्टेट बार काउंसिल मप्र
Posted By: anil tomar
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