Gwalior Cyber crime News: ग्वालियर( नप्र)। शहर में सायबर फ्राड की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। इस बार ग्वालियर के सिटी सेंटर इलाके में रहने वाले बीएसएफ के रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट सेक्सटार्शन में फंस गए और उनके साथ 2.38 लाख रुपये की ठगी हो गई। वहीं एक प्रोफेसर के साथ भी ठगी का मामला सामने आया है। उनके साथ 83 हजार रुपये की ठगी हुई है। दोनों मामलों में क्राइम ब्रांच थाने में एफआइआर दर्ज की है, लेकिन आरोपितों का फिलहाल कोई सुराग नहीं लगा है।

केस 1: अनजान नंबर से आई थी वीडियो काल

सिटी सेंटर अनुपम नगर निवासी 63 वर्षीय बीएसएफ के रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट के पास अनजान नंबर से वीडियो काल आई। उनके व्हाट्सएप मैसेंजर पर वीडियो काल की गई थी। उन्होंने काल अटेंड कर ली। वीडियो कालिंग शुरू होते ही मोबाइल की स्क्रीन पर युवती कपड़े उतारती दिखी। उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था। इससे वे वह घबरा गए और उन्होंने काल कट कर दिया। इसके बाद उनके मोबाइल पर एक युवक का फोन आया, जिसने उन्हें वीडियो वायरल करने की धमकी दी। काल करने वाले युवक ने उनसे रुपयों की मांग की। उन्होंने रुपये देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दूसरे नंबर से फोन आया, जिसने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। और कहा कि जिस युवती का वीडियो काल उनके पास आया था उसने शिकायत की है कि उसके साथ अश्लील बातचीत की गई है। अगर शिकायत रुकवानी है तो रुपये देने होंगे। क्राइम ब्रांच अफसर बनकर उसने 2.38 लाख रुपये ठग लिए। उनसे और रुपए मांगे गए तब उन्हें ठगी का पता लगा। इसके बाद क्राइम ब्रांच में शिकायत की।

केस 2: हास्पिटल की जगह ठग का निकला नंबर

झांसी रोड थाना क्षेत्र अंतर्गत हरिशंकरपुरम निवासी बृजेश शर्मा प्रोफेसर हैं। पत्नी की तबीयत खराब थी इसलिए 19 मई को उन्होंने गूगल से लिंक हास्पिटल का नंबर निकाला। नंबर लगाने के लिए उन्होंने पूरी जानकारी दी। बैंक खाते की जानकारी भी ली गई। कुछ संदेह हुआ तो उन्होंने अपना यूपीआइ ब्लाक करवा दिया। दो दिन बाद जब यूपीआइ इनेबल कराया तो खाते से 83 हजार रुपये निकल गए। यह नंबर लिंक हास्पिटल का नहीं, बल्कि किसी ठग का था। ठगी होने के बाद पुलिस के पास पहुंचे और क्राइम ब्रांच थाने में एफआइआर दर्ज करवाई।

Posted By: anil tomar

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