Gwalior fogging machines News: ग्वालियर.नईदुनिया प्रतिनिधि। सर्दी के मौसम में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप कम हो जाता है। इसके चलते नगर निगम को फागिंग कराने की जरूरत नहीं पड़ती। वर्तमान में निगम के पास मौजूद 50 में से 25 मशीनें खराब पड़ी हुई हैं। इसके बावजूद प्रतिदिन पूरी मशीनों के हिसाब से डीजल और पेट्रोल लिया जा रहा है। वर्तमान में 25 में से सिर्फ 15 मशीनें ही चलाई जा रही हैं। जनवरी माह में सिर्फ एक डेंगू का मामला सामने आया था।
डेंगू, मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए निगम के स्वास्थ्य विभाग का अमला फागिंग के नाम पर हर दिन 100 लीटर डीजल और 30 लीटर पेट्रोल ले रहा है। इससे हर दिन निगम को राजस्व की हानि हो रही है, जबकि इस मौसम में शहरभर में कहीं भी डेंगू, मलेरिया व मच्छर जनित बीमारियाें की शिकायतें नहीं मिल रही हैं। नगर निगम के पास 25 नई और 25 पुरानी मशीनों को मिलाकर कुल 50 फागिंग मशीनें हैं। इस हिसाब से प्रत्येक जोन पर दो फागिंग मशीनें एवं प्रत्येक वार्ड में तीन स्प्रे मशीन उपलब्ध हैं। इनमें से अभी करीब 15 मशीनें चल रही हैं। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि सर्दी को लेकर अब प्रत्येक विधानसभा में एक-एक मशीनें ही चलाई जा रही है और 20-20 लीटर डीजल व 6-6 लीटर पेट्रोल प्रत्येक विधानसभा के हिसाब से लिया जा रहा है। इन मशीनों के लिए दो-दो कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। गत दिसंबर माह में फागिंग मशीनों के लिए 4162 लीटर डीजल और 989 लीटर पेट्रोल लिया गया था। वहीं जनवरी माह में अभी तक 2084 लीटर डीजल और 600 लीटर पेट्रोल लिया जा चुका है। नगर निगम के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. वैभव श्रीवास्तव का कहना है कि जनवरी माह में डेंगू का एक मामला सामने आया था। इसके बाद क्षेत्र में फागिंग कराई गई थी। अब कोई केस नहीं आ रहे हैं, इसलिए एक-दो दिन में फागिंग मशीनें बंद करा दी जाएंगी।
Posted By: anil tomar
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