Gwalior Health News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नर्सिंग आफिसर रेखा परमार किस विभाग की हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में जमकर ठन चुकी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि नर्सिंग आफिसर से उनका कोई लेना देना नहीं है। इसके उलट स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर कहते है कि जब वह आपकी कर्मचारी नहीं थी तो 33 साल से आपके यहां पर नौकरी कैसे कर रही थीं। दोनों ही विभाग के अफसर यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि रेखा परमार किस विभाग की कर्मचारी है। जिसको लेकर अब भोपाल से मार्गदर्शन मांगा गया है। क्योंकि मेडिकल कालेज के डीन डा अक्षय निगम का साफ कहना है कि रेखा परमार मेडिकल कालेज या जेएएच की कर्मचारी नहीं है।

इसलिए वह आगे काम नहीं ले सकते, इसलिए ही उन्हें रिलीव किया गया है। इधर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य विभाग के डा राकेश चतुर्वेदी का कहना है कि जाे कर्मचारी पिछले 33 साल जयारोग्य अस्पताल में सेवाएं दे रहा है। उसका समयमान वेतनमान जिस स्थान से लग रहा है वह कर्मचारी भला स्वास्थ्य विभाग का कैसे हो सकता है। रेखा परमार का कोई रिकार्ड उनके यहां पर नहीं है। इसलिए कर्मचारी को वह ज्वाइनिंग नहीं दे सकते। इसके बारे में डीन को भी अवगत कराया लेकिन वह मानने के लिए तैयार नहीं है। रेखा यदि स्वास्थ्य विभाग की कर्मचारी है तो डीन उसका प्रतिनियुक्ति पत्र दिखाएं। क्योंकि यदि प्रतिनियुक्ति पर रेखा मेडिकल कालेज में काम कर रही थी तो वह पहले रद्द होगा तभी स्वास्थ्य विभाग में आमद दे सकेंगी। इसलिए भोपाल में स्वास्थ्य सेवाएं व चिकित्सा शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। गौरतलब है कि जेएएच अधीक्षक डा आरकेएस धाकड़ के विरोध में जेएएच के कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आन्दोलन किया था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया था कि डा धाकड़ खुद को सीएम का रिश्तेदार बताते हैं कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं। बाद में नर्सिंग आफिसर रेखा को हटा िदया था।

यह है मामला

नर्सिंग आफिसर रेखा परमार की नियुक्ति 1989 में जौरा एफएचसी में हुई थी। डीन के आदेश पर वह गोहद और उसके बाद 1990 में जेएएच के न्यूरोलाजी विभाग में पदस्थ किया गया। 1995 में लोक स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा विभाग अलग हो गया। लेकिन रेखा परमार जेएएच में ही तब से नौकरी कर रही है। रेखा का कहना है कि समयमान वेतनमान व सीनियरटी चिकित्सा शिक्षा विभाग से ही लगाई जा रही थी। नियुक्ति के समय लोक स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग एक थे।

Posted By: anil tomar

Mp
Mp
 
google News
google News