Gwalior High rise building News: प्रियंक शर्मा.नईदुनिया प्रतिनिधि। एतिहासिक धरोहरों का शहर ग्वालियर अब हाइट पकड़ रहा है। शहर की आबादी अब फैलाव के बजाय आसमान की ओर बढ़ रही है। मास्टर प्लान के प्रविधानों का पूरा फायदा उठाते हुए रियल एस्टेट कारोबारी अब डुप्लेक्स और विला के साथ ही हाइराइज इमारतें तैयार कर रहे हैं। शहर में जितनी भी रियल एस्टेट साइट्स चल रही हैं, उनमें से अधिकतर में 10 से 12 मंजिलों की इमारतें तैयार हो रही हैं।

शहर के डोंगरपुर (न्यू सिटी सेंटर) में हाल ही में दो इमारतों को 12 और 13 मंजिल बनाने की अनुमति जारी की गई है। डुपलेक्स और विला के मुकाबले हाइराइज इमारतों में ज्यादा आवास तैयार होते हैं और इसका गगनचुंबी निर्माण लोगों को आकर्षित भी करता है। यही वजह है कि बिल्डर अब हाइराइज इमारतें बना रहे हैं। हाइराइज के ट्रेंड को देखते हुए अब नगर निगम, हाउसिंग बोर्ड, साडा व ग्वालियर विकास प्राधिकरण जैसी सरकारी एजेंसियां भी इस दौड़ में कूद चुकी हैं। वे प्राइवेट बिल्डरों की तर्ज पर सरकारी परियोजनाओं में भी हाइराइज को ही ज्यादा तवज्जो दे रही हैं। हाल ही में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से निगम ने भी 15 मंजिला इमारत तैयार करने का प्लान लिया है, वहीं थाटीपुर पुनर्घनत्वीकरण प्रोजेक्ट में हाउसिंग बोर्ड ने 12 मंजिल की इमारत की विकास अनुज्ञा ले ली है।

हाइराइज के बदले नियम, तो गिनती हुई कम

वर्ष 2012 तक शहर में मास्टर प्लान के अनुसार छह मंजिल से ऊंची इमारत की गिनती हाइराइज में की जाती थी। इसके बाद नए मास्टर प्लान में संशोधन होने पर हाइराइज की परिभाषा को बदला गया। अब कम से कम 10 मंजिल की इमारत की गिनती हाइराइज में की जाने लगी है। ऐसी शहर में दो बिल्डिंग तैयार हो चुकी हैं और चार की अनुमति जारी की गई है। हालांकि वर्तमान में जिन इमारतों को हाइराइज नहीं माना जाता है, उनकी गिनती भी कुछ वर्षों पहले तक इसी श्रेणी में गिनती की जाती थी। सरकारी रिकार्ड में उनकी तत्कालीन अनुमति हाइराइज के रूप में दर्ज है।

फैक्ट फाइल

10 मंजिल से अधिक इमारत हाइराइज कैटेगरी में आती है

2 हाइराइज इमारतें शहर में बन चुकी हैं

4 हाइराइज 12 से 15 मंजिल तक बनाने की अनुमति ली गई है

शहर में जारी हैं 49 टाउनशिप के निर्माण

वर्तमान में शहर में 49 नई टाउनशिप के निर्माण किए जा रहे हैं। शहर का दायरा भी इसी हिसाब से बढ़ता चला जा रहा है। हालांकि सबसे अधिक निर्माण कार्य सिरोल, ओहदपुर, डोंगरपुर यानी सिटी सेंटर, न्यू सिटी सेंटर, सिटी सेंटर एक्सटेंशन में ही चल रहे हैं। ये सभी वो प्रोजेक्ट हैं, जो रियल एस्टेट रेगुलेरिटी अथारिटी (रेरा) में रजिस्टर्ड हैं। इसके अलावा कई प्रोजेक्ट अभी परमिशन प्राप्त करने की प्रक्रिया में चल रहे हैं।

कोविड के बाद बढ़ा रियल एस्टेट कारोबार

कोरोना काल के बाद से अब रियल एस्टेट बिजनेस भी रफ्तार पकड़ रहा है, इसकी पुष्टि नगर निगम से जारी हुईं भवन निर्माण की अनुमतियों के आंकड़े साफ तौर पर कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते लगाए गए लाकडाउन के कारण वर्ष 2020 में शहर में सिर्फ 791 भवन निर्माण की अनुमतियां ली गई थीं। वर्ष 2021 में जैसे ही लाकडाउन में ढील मिली, वैसे ही अनुमतियों का आंकड़ा दोगुना हो गया। इस वर्ष 1415 अनुमतियां जारी की गईं। गत वर्ष यानी 2022 में 1353 अनुमतियां जारी हुई हैं। इनमें अधिकतर अनुमतियां बिल्डरों द्वारा टाउनशिप के लिए ली गई हैं।

Posted By: anil tomar

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