Gwalior JU News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि) शासन द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए मिले 16 करोड़ रुपए के अनुदान को लेप्स होने से बचाने के लिए विश्वविद्यालय के पास सिर्फ 4 दिन शेष बचे हैं। इन 4 दिनों में जीवाजी विश्वविद्यालय को न सिर्फ टेंडर ओपन करने हैं बल्कि बिट फाइनल करने के बाद सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत मंगाई जाने वाली मशीनरी का आर्डर भी देना है। यह सभी प्रक्रिया 31 मई से पहले पूरी करनी होगी अगर जीवाजी विश्वविद्यालय इस प्रक्रिया को समय रहते पूरा करने में समर्थ नहीं हुआ तो संभव है कि अनुदान की राशि लेप्स हो जाए।
बता दें की जीवाजी विश्वविद्यालय के कॉमर्स एंड मैनेजमेंट, बॉटनी एंड माइक्रो बॉयोलॉजी, लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस,हिस्ट्री,फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जूलॉजी और प्लेसमेंट सेल को उत्कृष्ट बनाने के लिए 16 करोड़ 5 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की है। विश्व बैंक पोषित मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना के अंतर्गत जारी होने वाली इस राशि से विवि में सेंटर फॉर एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा। इसमें आठ विभागों को शामिल किया गया है। प्रशासकीय स्वीकृति में इन सभी विभागों के लिए अलग-अलग बजट का प्रावधान किया गया है। परियोजना के जरिए चिन्हित विभागों में फर्नीचर, इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-लाइब्रेरी, लाइब्रेरी में जर्नल्स, राष्ट्रीय एवं अंतर राष्ट्रीय कॉफ्रेंस और स्टडी टूर आदि गतिविधियां की जाएंगी।
इन विभागों को मिली राशि
-जूलॉजी डिपार्टमेंट को 2 करोड़ 59 लाख रुपए मिले।
-प्लेसमेंट सेल को 5 लाख रुपए मिले।
-कैमिस्ट्री डिपार्टेमेंट को 3 करोड़ 62 लाख रुपए मिले।
-लाइब्रेरी और इनफॉर्मेशन साइंस डिपार्टमेंट को 88 लाख रुपए मिले।
-इतिहास डिपार्टमेंट को 60 लाख रुपए मिले।
-बॉटनी और माइक्रो बॉयोलॉजी डिपार्टमेंट को 2 करोड़ 99 लाख रुपए मिले।
-फिजिक्स डिपार्टमेंट को 5 करोड़ 19 लाख रुपए मिले।
-कॉमर्स एंड मैनेजमेंंट 57 लाख रुपए मिले।
Posted By: anil tomar