Gwalior Local Transportation News: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कंप्रेंहेंसिव मोबिलिटी प्लान के तहत अब पांच साल का प्लान बनेगा, जिसमें 120 बसों को चलाने की तैयारी की जा रही है। अर्बन मोबिलिटी के इस प्लान के लिए शुक्रवार को भारत सरकार के एडीशनल सेक्रेटरी डा़ सुरेंद्र बांगड़े के समक्ष अधिकारियों की बैठक हुई। इसमें जिले के अधिकारियों के साथ स्मार्ट सिटी के अधिकारी, कंसल्टेंट कंपनी के प्रतिनिधि शामिल रहे। बैठक में इस बात पर फोकस किया गया कि ऐसा प्लान बने जो सक्सेस किया जा सके। इस माडल में शहर में बसों को चलाया जाए और नेट कास्ट के आधार पर एमाउंड कास्ट माडल की संभावनाओं पर विचार होगा।

शहर के रूट, फ्रीक्वेंसी, ट्रैफिक लोड के आधार पर पांच साल का प्लान तैयार होगा, जिससे यह फिजिबल हो सके। बैठक में सूत्र सेवा की बसों को लेकर भी चर्चा की गई। पहले यह दिया था प्रजेंटेशन: अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) के प्रतिनिधियों ने कुछ समय पहले कंप्रेंहेंसिव मोबिलिटी प्लान के आधार पर तैयार की गई ड्राफ्ट अल्टरनेटिव एनालिसिस रिपोर्ट का प्रेजेंटेशन स्टेक होल्डर्स को दिया था। इसमें प्रथम चरण में चिह्नित दो कारिडोर पर मेट्रो लाइट चलाने का सुझाव दिया, जिसमें 23 किमी लंबे पहले कारिडोर यानी एयरपोर्ट से गोले का मंदिर, रेलवे स्टेशन, पड़ाव से फूलबाग, छप्पर वाला पुल, स्वर्णरेखा होकर गोल पहाड़िया से गुप्तेश्वर तिराहे तक के लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और सांसद विवेक शेजवलकर सहित सभी ने सहमति दे दी, लेकिन दूसरे कारिडोर के लिए फिर से सर्वे करने के लिए कहा गया। अभी मेट्रो लाइट में 3841 करोड़ रुपए खर्च होंगे, लेकिन सुझावों के आधार पर लागत बढ़ सकती है। यूएमटीसी ने दूसरे कारिडोर मुरैना लिंक एबी रोड ट्रिपल आइटीएम से चार शहर का नाका, तानसेन रोड से पड़ाव पर आकर प्रथम कारिडोर पर मिलने की ड्राफ्ट रिपोर्ट दी। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने यह कारिडोर तलवार वाले हनुमान मंदिर के सामने से स्वर्ण रेखा के समानांतर होकर लक्ष्मीबाई समाधि के पास फूलबाग पर मिलाने की संभावना पर अध्ययन कर आगामी बैठक में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। वहीं सांसद विवेक शेजवलकर ने मुरैना लिंक एबी रोड से शुरू होने वाले कारिडोर को गोले के मंदिर चौराहे पर प्रथम कारिडोर तक के रूट से मिलाने को अध्ययन में शामिल कर ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कहा था।

शहर में स्वस्थ लोक परिवहन पर फोकस

अर्बन मोबिलिटी के तहत जो प्लान तैयार होना है वह 2042 तक के प्लान के साथ तैयार किया जा रहा है लेकिन शहर को जल्द एक स्वस्थ लोक परिवहन सिस्टम मिले इसे जल्द प्रयास करना जरुरी है। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि जिस तरह सूत्र सेवा को पूरी तरह सफल नहीं किया जा सका,उसके विकल्प तलाश दुरूस्त किया जाए और इस प्लान के तहत जो लोक परिवहन दिया जाना है, उसे शार्ट टर्म आधार पर किया जाए।

मेट्रो लाइट के निर्माण में 140 करोड़ रुपए प्रति किमी होंगे खर्च

मेट्रो लाइट के निर्माण में लगभग 140 करोड़ रुपए प्रति किमी का अनुमानित व्यय आ रहा है। इसके अनुसार प्रथम चरण में 3800 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी व्यवस्था केंद्र सरकार, राज्य सरकार करेगी। इसके लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल भी अपनाया जा सकता है, लेकिन इसका निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा।

Posted By: anil tomar

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