Gwalior Milk Production News: ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। दूध हमारे खानपान का विशिष्ट अंग है। माना भी जाता है, अगर फिट रहना है और बीमारियों से बचे रहना है तो सुबह-शाम एक-एक गिलास दूध जरूर पीना चाहिए। इस तथ्य को पूरे शहर ने कोविड के बाद जाना, तभी तो ग्वालियर चंबल अंचल में दूध की मांग बढ़ी। इसके बाद दुग्ध उत्पादन भी बढ़ गया।

कोविड महामारी के दौरान वर्ष 2020-21 में जिंदगी की सांसें कमजोर होने लगी थीं, जिन्हें मजबूती देने के लिए अंचल में दुग्ध उत्पादन बढ़ाया गया। हालांकि कोविड की शुरुआत के साथ लाकडाउन लग गया था और कुछ ही घरों तक दूध पहुंचा। जिन्हें कोविड हुआ उन्हें चिकित्सकों ने इम्युनिटी मजबूत करने के लिए दूध का सेवन बताया। कोविड के बादल छंटने के बाद ही इसके घरों तक पहुंचने में निरंतरता आई। गत एक वर्ष में 18 मेट्रिक टन दुग्ध का अधिक उत्पादन हुआ। प्रादेशिक स्तर पर दुग्ध उत्पादन अहम स्थान बना लिया है। सर्वाधिक उत्पादन मुरैना क्षेत्र में हो रहा है। बहरहाल, हम एक जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाएंगे। इससे पूर्व जानें दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में हमारी स्थिति।

साल दर साल बढ़ा उत्पादन /मेट्रिक टन में/-

जिला 2018-19 2019-20 2020-21 2021-22

ग्वालियर 468.00 500.47 462.46 488.11

दतिया 286.88 308.40 334.38 353.50

शिवपुरी 583.95 628.78 626.34 657.66

गुना 324.82 347.19 381.18 406.75

अशोक नगर 192.18 207.94 233.04 246.67

भिंड 445.96 466.87 513.00 515.52

मुरैना 741.11 791.53 866.09 914.49

श्योपुर 296.93 315.38 319.61 335.84

कोविड में घटा था उत्पादन

वर्ष 2020-21 में कोविड महामारी के चलते लाकडाउन लगा था। इस कारण पशु पालकों की संख्या घटी थी, क्योंकि आवागमन बंद था। शहरी क्षेत्र में पशु पालकों के सामने पशुओं के लिए भोजन आदि की उपलब्धता को लेकर समस्या रही। कोविड के बाद तेजी से उत्पादन बढ़ा और वर्ष 2021-22 में दुग्ध उत्पादन 462 से बढ़कर 488 पर जा पहुंचा है।

अंचल में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन मुरैना में

अंचल के आठ जिलों की बात करें तो सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन के मामले में मुरैना आगे है। यहां वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के हिसाब से दुग्ध उत्पादन 914.49 मेट्रिक टन हो रहा है। जो ग्वालियर-चंबल अंचल में सर्वाधिक है। इसके बाद शिवपुरी में जहां 657.66 मेट्रिक टन है, भिंड में 515 और फिर ग्वालियर में 488 मेट्रिक टन दुग्ध उत्पादन हो रहा है। जबकि दतिया में 353 और श्योपुर में 335 मेट्रिक टन दुग्ध उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। पशु विभाग के अफसरों का कहना है कि इस बार दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है।

इनका कहना है

साल दर साल दुग्ध उत्पादन बढ़ रहा है। जिससे प्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उत्पादन की उपलब्धता बढ़ी है। ग्वालियर चंबल अंचल के किसान अब पशु पालन में रुचि दिखा रहे है जिसका नतीजा है कि दुग्ध उत्पादन बढ़ा। मुरैना में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन हो रहा है।

डा अखिलेश पटेरिया, अतिरिक्त उप संचालक, पशु विभाग ग्वालियर

Posted By: anil tomar

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