स्मार्ट सिटी के बजट से पैसा लेने का प्रस्ताव नहीं किया स्वीकृत

Gwalior Swachh Survekshan 2023: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नगर निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए की जा रहीं तैयारियों को झटका लगा है। निगम अधिकारी 50 करोड़ रुपये की राशि से 150 से अधिक वाहन खरीदने के साथ ही कचरा ट्रांसफर स्टेशनों और लैंडफिल साइट पर मशीनरी की मरम्मत के कार्य कराने की तैयारी कर रहे थे। इसके लिए स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के बजट से पैसा लेने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे कारपोरेशन के बोर्ड आफ डायरेक्टर ने बैठक में स्वीकृत भी कर दिया था। इसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया था, लेकिन शासन स्तर से इस कार्य के लिए इनकार कर दिया गया है। ऐसे में अब निगम को न तो ये वाहन मिल पाएंगे और न ही कचरा ट्रांसफर स्टेशनों पर कोई काम हो पाएगा।

वर्तमान में नगर निगम ग्वालियर स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए सबसे ज्यादा संसाधनों और अधोसंरचना की कमी से ही जूझ रहा है। ऐसे में फिर सर्वेक्षण में शहर को अंकों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। अभी नगर निगम के पास डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए 210 टिपर वाहन हैं। डंपर, मिनी डंपर, जेसीबी, ट्रैक्टर-ट्रालियां मिलाकर कुल 350 वाहन सफाई कार्य के लिए लगाए गए हैं। इनमें से कुछ वाहनों को नगर निगम ने किराये पर भी ले रखे हैं। वहीं सफाई व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए 28 सीएनजी टिपर वाहन भी निगम कार्यशाला के माध्यम से खरीदे जा रहे हैं। इसके बावजूद शहर के सभी घरों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन नहीं हो पाता है। यही कारण है कि नगर निगम ने स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के बजट से वाहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन ये सारे प्रयास प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के इनकार के बाद विफल हो गए हैं।

सफाई व्यवस्था को मजबूत करने इनमें खर्च होने थे रुपये

- 10 करोड़ रुपये की राशि से 16 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 20 रिफ्यूज काम्पेक्टर। द्यचार करोड़ रुपये की लागत से 3.3 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 40 सीएनजी या इलेक्ट्रिक डोर-टू-डोर टिपर वाहन। द्यचार करोड़ रुपये की लागत से दो क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 40 इलेक्ट्रिक डोर-टू-डोर टिपर वाहन।

- तीन करोड़ रुपये की लागत से 10 एस्केवेटर कम लोडर सिक्स इन वन थ्रीडी मशीनें। द्

- पांच करोड़ रुपये से 10.5 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 15 डंपर।

- तीन करोड़ रुपये की लागत से पांच क्यूबिक मीटर क्षमता के 20 मिनी डंपर।

- डेढ़ करोड़ रुपये से तीन एस्केवेटर पोकलेन मशीनें। द्यसाढ़े छह करोड़ रुपये से पांच एफसीटीएस का अपग्रेडेशन और मशीनरी बदलने का काम।

- एक करोड़ रुपये से 16 से 20 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले 10 हुक लोडर के लिए कंटेनर कैप्सूल।

- आठ करोड़ रुपये की लागत से केदारपुर प्लांट पर 250 टन प्रतिदिन क्षमता वाली वेस्ट टू कंपोस्ट यूनिट।

- दो करोड़ रुपये से फायर ब्रिगेड के लिए एक रेस्क्यू वाहन। द्यदो करोड़ रुपये से फायर ब्रिगेड के लिए चार फोम टेंडर मशीनें।

सात सड़कों के प्रस्ताव पर होगा पुनर्विचार इसी प्रकार स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के बजट से ही शहर की सात सड़कों का निर्माण भी कराया जाना था। ये वो सड़कें हैं, जिनका निर्माण पूर्व में गारंटी पीरियड के तहत कराया गया था, लेकिन अब इनकी गारंटी की अवधि समाप्त हो चुकी है। इसके चलते नगर निगम ने कारपोरेशन के माध्यम से ही इन सड़कों का निर्माण कराने के प्रयास किए थे। इन पर भी प्रमुख सचिव ने सवाल खड़े करते हुए पुनर्विचार करने को कहा है।

स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए जरूरी वाहनों को स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के माध्यम से खरीदा जाना था। शासन से मना होने पर अब हम इन वाहनों की खरीद के लिए बजट की वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे।

अमरसत्य गुप्ता, उपायुक्त स्वच्छ भारत मिशन नगर निगम

Posted By: anil tomar

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