ग्वालियर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नृत्य जब तकनीकी पक्ष में किया जाता है ताे उसमें हाथ, गर्दन आैर आंखाें का मूवमेंट देना पड़ता है। हम अक्सर अपन हस्तक, हाव भाव पर ध्यान ही नहीं देते हैं, जबकि यही कथक की जान है। यह बात राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कथक नृत्य विभाग में शनिवार को आयाेजित आनलाइन अंतरराष्ट्रीय लेक्चर डिमांस्ट्रेशन और कथक वर्कशाप काे संबाेधित करते हुए मुख्य वक्ता लखनऊ घराने की ख्यात नृत्यांगना शिखा खरे ने कही। आयोजन विभाग की विभागाध्यक्ष डा. अंजना झा के नेतृत्व में रखा गया। संपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने 'व्यावहारिक सिद्धांत के साथ कथक की तकनीक विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने आनलाइन आए युवाओं को कथक के कई पक्षों के बारे में बताया, साथ लाइव डिमांस्ट्रेशन देकर अभ्यास कराया। इसी क्रम में उन्होंने युवाओं के सवालों के जवाब भी दिए। इस मौके पर संगीत विवि के कुलपति प्रो. पंडित साहित्य कुमार नाहर, कुलसचिव डा. कृष्णकांत शर्मा और लेखक पंडित विजय शंकर आदि उपस्थित थे। कला संस्कृति के क्षेत्र से जुड़े कई लाेग इस आयाेजन में अॉनलाइन शामिल हुए।
बैठक में सदस्यों ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णयः शनिवार को जेसीआई सुरभि की आनलाइन बोर्ड बैठक हुई। इसमें शामिल सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इसके अलावा तय किया गया कि आने वाले समय में कोरोना के बीच वे कार्यों को कैसे पूरा करेंगे। इतना ही नहीं सदस्यों से दीपावली मिलन समारोह को लेकर भी चर्चा की गई। इस मौके पर प्रियंका अग्रवाल, शीतल गर्ग, मिनी अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, राखी सिजरिया, नीतू गुप्ता, तान्या रेजा, माधुरी गुप्ता और जेसी शिखा गोयल आदि की मौजूदगी रही।
Posted By: vikash.pandey
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