ग्वालियर. नईदुनिया प्रतिनिधि। लश्कर,ग्वालियर और मुरार में मिलाकर सोने चांदी के तकरीबन एक हजार छोटी बड़ी दुकान मौजूद हैं। पर होलमार्क का पंजीयन महज सवा सौ ज्वैलर्स के पास ही मौजूद है। जिसमें सर्वाधिक ज्वलैर्स लश्कर के हैं। बाकी के दुकानदार रिश्तों में विश्वास को सोने के रुप में बेच रहे हैं। बिना हाेलमार्क की ज्वैलरी में कितने फीसद सोना मौजूद है उसका कोई मानक नहीं है। होलमार्क लगे गहना बेचने पर दुकानदार बिल पर लिखकर देता है कि कितने कैरेट सोना है। होलमार्क लगा गहना देश के किसी भी कोने पर बेचने पर उसका मूल्य कैरेट के हिसाब से ही मिलता है। जबकि बिना होलमार्क के गहनों में कई बार तो सोना कम और अन्य धातु अधिक मिली हुई पाई जाती है। जिसका नुकसान ग्राहक को ही उठाना पड़ता है। चंदन ज्वैलर्स के संचालक चंदन अग्रवाल का कहना है कि 60 फीसद लोग 18 कैरेट के गहने खरीदना पसंद करते हैं , 36 फीसद लोग 22 कैरेट और बाकी के लोग 24 कैरेट सोना खरीदते हैं। जबकि गहने खरीदने वाले 70 फीसद लोग डिजिटल भुगतान करते हैं। जबकि 30 फीसद लोग ही नगद भुगतान करते। नगद भुगतान करने वालों में ग्रामीणों की संख्या अधिक होती है।
हालमार्क यूनिक आइडी से ग्राहक की डिटेल पहुंचेगी सरकार पर
सोना चांदी व्यवसाय संघ के अध्यक्ष पुरुषोत्तम जैन का कहना है कि अभी होलमार्क यूनिक आइडेंटीफिकेशन एक छह अंको का कोड है जो खरीदार की पहचान का आधार नंबर होता है। जिसे हर ज्वैलरी पर लगा कर देनी होती है। अभी 2 लाख की ज्वैलरी खरीदने वाले ग्राहक की जानकारी शासन के पोर्टल पर अपलोड करनी पड़ती है। एक जून से यदि सरकार छोटे से छोटे गहने पर यूनिक आइडी कोड दर्ज करने व ग्राहक की डिटेल मांगती है तो हर ग्राहक की जानकारी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। जिसमें ग्राहक से आधार कार्ड की भी शासन के निर्देश पर मांग की जा सकती है।
सोना शुद्धता
24 कैरेट 99.9%
23 कैरेट 95.8%
22 कैरेट 91.6%
21 कैरेट 87.5%
18 कैरेट 75%
17 कैरेट 70.8%
14 कैरेट 58.5%
9 कैरेट 37.5%
Posted By: anil tomar
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