Interior of House: ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में अपने सपनों का आशियाना सजाने में लोग दिल खोलकर खर्चा कर रहे हैं। लोग अपने फ्लैट, डुपलेक्स और विला की कीमत के बराबर ही इंटीरियर पर भी खर्च कर रहे हैं, जिसमें अपने घर को सुंदर दिखाने के लिए इटैलियन मार्बल से लेकर एंटीक पीस तक शोकेस में दर्शाए जा रहे हैं। पहले यह ट्रेंड सिर्फ मेहमानों पर इंप्रेशन जमाने और सोसायटी में पूछ-परख बढ़ाने के लिए माना जाता था, लेकिन शौकीन लोग अपने कम्फर्ट के लिए लाइटिंग से लेकर फर्नीचर पर लाखों रुपए खर्च कर दे रहे हैं। इसके अलावा बच्चों के लिए भी स्पेशल थीम बेस्ड रूम्स तैयार किए जा रहे हैं, जिसमें एक प्ले सेक्शन भी तैयार कराया जा रहा है।
आर्किटेक्ट फर्म आन टू जेनेसिस की संचालक प्रियांशी मिश्रा ने बताया कि पहले लोग घरों में स्पेस के हिसाब से सामान को एडजस्ट करते थे। इसी को इंटीरियर मान लिया जाता था, लेकिन अब महंगे घर खरीदने वाले लोग बाकायदा विशेषज्ञ आर्किटेक्ट की सर्विस लेकर घरों को सजा रहे हैं। अब लोग कंजस्टेड नहीं, बल्कि ऐसा इंटीरियर करा रहे हैं, जिससे घरों में जगह ज्यादा से ज्यादा नजर आए। हाल-फिलहाल शहर में जेपेंडी इंटीरियर चलन में है। जेपेंडी जापानी और स्कैंडिनेवियाई डिजाइन तत्वों का एक संयोजन है, जो आधुनिक इंटीरियर डिजाइन उद्योग में लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है। जेपेंडी दो शब्दों जापान और स्कांडी का संयोजन है।
जेपेंडी इंटीरियर पर 15 से 45 लाख का खर्चा
जेपेंडी इंटीरियर में एक थ्री बीएचके फ्लैट को सजाने का न्यूनतम खर्चा 15 लाख रुपए है। इस इंटीरियर में सादगी और आंखों को सुकून देने वाले रंगों का उपयोग किया जाता है। यह उन लोगों को बहुत पसंद आ रहा है, जो एक साफ और सुव्यस्थित घर चाहते हैं। इसमें फर्नीचर और डेकोरेशन को साफ-सुथरी लाइनिंग के साथ कम से कम चटख रंगों का उपयोग कर तैयार किया जाता है। इस इंटीरियर का फोकस ऐसा घर बनाने पर है जो आरामदायक, कार्यात्मक और सुव्यवस्थित हो। इस डिजाइन में अक्सर प्राकृतिक प्रकाश और इनडोर हरियाली शामिल होती है। इसके साथ ही बड़ी खिड़कियां, रोशनदान और पौधों का उपयोग भी किया जाता है। इसमें अलग-अलग मटेरियल के हिसाब से 45 लाख रुपए तक का खर्चा होता है।
कंटमप्रेरी इंटीरियर भी पसंद कर रहे लोग
कंटमप्रेरी इंटीरियर में सफेद, ग्रे और अर्थ टोन जैसे रंगों के उपयोग पर जोर दिया जाता है। इसमें प्राकृतिक प्रकाश के लिए बड़ी खिड़कियां और खुला-खुला घर तैयार किया जाता है, जो हवादार भी रहता है। इस इंटीरियर में कांच, धातु और कंक्रीट का उपयोग किया जाता है और सरफेस को चिकना व स्टाइलिश बनाना जाता है। इसके लिए लकड़ी का भी उपयोग किया जाता है। शहर में न्यू कलेक्ट्रेट रोड स्थित एक हाइराइज इमारत में एक फ्लैट का इसी स्टाइल में इंटीरियर कराया गया है।
मलेशिया से लकड़ी और किशनगढ़ से मार्बल
शहर के कुछ शौकीन लोग अपने घरों को सजाने के लिए मलेशिया से लकड़ी लाने की तैयारी कर रहे हैं। आर्किटेक्ट प्रियांशी के अनुसार मलेशिया में लकड़ी सस्ती मिलने के साथ ही उसकी क्वालिटी अच्छी है। ऐसे में उनके एक क्लाइंट अब वहां से लकड़ी इंपोर्ट करने जा रहे हैं। इसके अलावा किशनगढ़ में तैयार होने वाले इटैलियन मार्बल को भी लोग 450 से 600 रुपए प्रति वर्गफीट की कीमत पर खरीदकर अपने बेडरूम में लगवा रहे हैं।
Posted By: anil tomar