लापरवाही: जेएएच में 12 जनरेटर पर हर साल 24 लाख खर्च,आवश्यकता पर रहे बंद

ग्वालियर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जयारोग्य अस्पताल में चार घंटे बिजली गुल हुई थी। जिसको लेकर बिजली कंपनी के महाप्रबंधक ने जेएएच अधीक्षक पर मीडिया में भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया और खेद जताने की बात कही। साथ ही यह भी बताया कि जेएएच अधीक्षक को 29 जून को बिजली कटौती के बारे में पत्र भेजा गया था। इधर जेएएच अधीक्षक का कहना है कि उन्हें व्हाटसएप पर विलंब से जानकारी उपलब्ध कराई गई। हालांकि तत्काल सेंट्रल एक्सचेंज पर सूचना देकर सभी विभागों को सूचित भी कराया। लेकिन इसके बाद भी न्यूरो सर्जरी विभाग तक जानकारी नहीं पहुंच सकी। लेकिन जेएएच अधीक्षक का कहना है कि बिजली गुल होने पर जनरेटर की व्यवस्था फेल हुई इसको लेकर डीके ट्रेडर्स को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है। क्योंकि इमरजेंसी में जनरेटर से बिजली सप्लाई मिलनी चाहिए थी जो नहीं मिली। यह गंभीर लापरवाही डीके ट्रेडर्स द्वारा बरती गई। इसलिए डीके ट्रेडर्स के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा सकता। गौरतलब है कि शुक्रवार को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक चार घंटे बिजली गुल रही। जिसको लेकर आपरेशन टालने पड़े थे। ओटी में जिन मरीजों का आपरेशन चल रहा था वह संकट में आ गए थे। हालाकि डाक्टरों ने किसी भी तरह से सर्जरी का काम पूरा किया और मरीजों को सही सलामत बचा लिया था। डीके ट्रेडर्स ने जेएएच में इमरजेंसी में जनरेटर से बिजली सप्लाई का 24 लाख रुपये साल का ठेका ले रखा है। जिसके चलते जेएएच में कुल 12 जनरेटर अलग-अलग भवन में लगाए गए हैं पर जनरेटर आटो मोड पर होना चाहिए यह व्यवस्था नहीं है और स्टाफ की कमी भी बड़ी परेशानी बनी है।

इन स्थानों पर बिजली गुल से हुई थी समस्या: बिजली गुल होने से कैथलैब,ट्रामा सेंटर, रेडियोलोजी और माधव डिस्पेंसरी की ओटी भी बंद करनी पड़ी थी। डीके ट्रेडर्स द्वारा इन जनरेटर को चालू करने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं लगाया गया था। इसलिए जनरेटर को चालू करने में वक्त लगा, जब जनरेटर चालू किए गए तो उनमें परेशानी आने से वह बिजली की सप्लाई नहीं दे सके थे।

- न्यूरो सर्जरी,ब्लड बैंक, पैथालोजी के लिए 62 किलो वाट का जनरेटर लगाया गया है जबकि 125 किलोवाट का जनरेटर वार्ड में बिजली सप्लाई देने के लिए लगाए गए है। लेकिन जिस जनरेटर पर न्यूरो सर्जरी में सप्लाई दी जाती है उसी पर ब्लड बैंक और पैथालोजी विभाग का भी भार होने से वह लोड नहीं उठा सका। जिसको लेकर बिजली सप्लाई बाधित हो गई ओर मरीजों की जान हलक में अटक गई।

- रेडियोलाजी: रेडियोलोजी विभाग और आपीडी के लिए जो जनरेटर लगाए गए वहां पर बिजली सप्लाई के लिए पावर बदलते समय फ्यूज उड़ गए और वहां पर भी बिजली गुल हो गई और जनरेटर से सप्लाई नहीं दी जा सकी। इस कारण से माइनर ओटी बंद रखनी पड़ी थी।

- कैथलैब: कैथलेब के जनरेटर ने भी काम करना बंद कर दिया इस कारण से वहां पर कैथालेब को बंद रखना पड़ा। हालांकि वार्ड में बिजली सप्लाई सुचारु रही।

डीके ट्रेडर्स की गंभीर लापरवाही है जिसके चलते उसे नोटिस दिया गया है। न्यूरो सर्जरी का लोड अब एक ही जनरेटर पर रहेगा। ऐसी व्यवस्था बनाई गई है जिससे इमरजेंसी में इस तरह की पुनरावृति न हो सके।

डा. आरकेएस धाकड़, जेएएच अधीक्षक

जिनरेटर चालू किया गया पर लोड न ले पाने के कारण वह बंद हो गया। पावर बढ़ाने के लिए दो घंटे के लिए पावर कट की इजाजत चाहिए जो मिल नहीं पा रही है।

सन्नी जैन, सुपरवाईजर, डीके ट्रेडर्स

Posted By: anil tomar

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